Thursday , 21 November 2024
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Film Review : FUGLY

मुंबई , एजेंसी। ये फगली-फगली क्या है, ये फगली-फगली? इस बात का खुलासा फिल्मकार ने पहली फ्रेम में ही कर दिया, फगली यानी कि फाइटिंग द अगली’। अब इस तरह का नाम रखने की जरूरत क्यों पड़ी, ये तो वे ही जाने। अपने नाम की तरह फिल्म भी कुछ ऐसी ही है। तर्कहीन और अर्थहीन। पहली फ्रेम से बोरियत हावी होती है जो अंत तक दूर नहीं होती। बिना कहानी के दर्शकों को बांध पाना आसान काम नहीं है। निर्देशक कबीर सदानंद और लेखक राहुल हांडा ने शुरुआती पौन घंटे बिना कहानी के फिल्म को ऐसे खींचा है कि फिल्म हांफने लगती है। कॉमेडी, दोस्तों की चुहलबाजी, दारूबाजी, बोल्ड संवाद, तीन गाने और लेह के सीन ‍भी फिल्म को संभाल नहीं पाए। दोस्तों की मौज-मस्ती के बाद कहानी में ट्वीस्ट तब आता है जब जिमी शेरगिल की एंट्री होती है। देव (मोहित मारवाह), गौरव (विजेंदर सिंह), आदित्य (आरिफ लांबा) और देवी (किआरा अडवाणी) का ऐसे शख्स से विवाद होता है जो देवी को छेड़ देता है। सबक खाने के लिए उसे कार की डिक्की में बंद कर वे शहर से …

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Film Review : Fimlistaan

मुंबई,एजेंसी। 2012 में ‘फिल्मिस्तान’ को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। कायदे से यह फिल्म काफी पहले आ जानी चाहिए थी। अभी चर्चित फिल्मी हस्तियां ‘फिल्मिस्तान’ के गुणगान में लगी हैं। पिछले एक साल तक ये सहृदय समर्थक कहां थे? ‘फिल्मिस्तान’ नितिन कक्कड़ की शानदार फिल्म है। यह फिल्म भारत-पाकिस्तान के रिश्तों की घिसी-पिटी कथाओं और घटनाओं में नहीं जाती। नए तरीके से दोनों देशों की समानता को रेखांकित करती ‘फिल्मिस्तान’ में भावनाओं का उद्रेक होता है और घृणा थोड़ी कम होती है। इस फिल्म में नितिन कक्कड़ ने अनोखे अंदाज में दोनों पड़ोसी देशों को करीब दिखाने की सार्थक कोशिश की है। सनी अरोड़ा एक्टर बनना चाहता है। एक्टिंग में सही मौका नहीं मिलने पर वह कुछ समय के लिए एक अमेरिकी फिल्म मंडली का सहायक बन जाता है। राजस्थान के सीमांत पर शूटिंग के दरम्यान सनी का अपहरण हो जाता है। पाकिस्तानी आतंकवादी उसे अमेरिकी समझ कर उठा ले जाते हैं। गलती का एहसास होने पर सही समय के इंतजार में वे उसे बंदी बना लेते हैं। इस दौरान सनी की मुलाकात आफताब से हो जाती है। आफताब हिंदी फिल्मों …

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कॉमेडी नहीं, थ्रिलर मूवी है ‘हॉलीडे’ :अक्षय कुमार

मुंबई,एजेंसी। बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार के एक्‍शन के सब कायल हैं, लेकिन अपनी आगामी फिल्‍म ‘हॉलीडे’ के बारे में अक्षय का कहना है कि यह मेरी परंपरागत एक्‍शन मूवी नहीं है और दर्शकों को फिल्‍म की जबर्दस्‍त पटकथा पर गौर करना चाहिए। फिल्‍म आतंकवाद और स्‍लीपर सेल्‍स पर आधारित है। फिल्‍म में अक्षय एक रक्षा अधिकारी की भूमिका निभा रहे हैं। ‘हॉलीडे’ की कहानी आतंकवाद के जटिल पहलुओं को आम दर्शक के सामने लाती है। इसका एक मुख्‍य भाग है ‘स्‍लीपर सेल्‍स’ यानि ऐसे आतंकवादी जो किसी देश में घुसकर लंबा समय वहां बिताते हैं और वहां की संस्‍कृति में घुल-मिल जाते हैं और मौका मिलने पर अंतत: ये आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देते हैं। फिल्‍म के निर्देशक एआर मुरुगदास एक्‍शन फिल्‍मों के निर्माण के लिए जाने जाते हैं। अक्षय जिन्‍होंने फिल्‍म के निर्माता विपुल शाह के साथ कई हिट फिल्‍में की हैं, कहते हैं, ”यह फिल्‍म मेरी परंपरागत फिल्‍मों की तरह नहीं है जहां मैं सारा समय कॉमेडी करता रहता हूं। हालांकि ‘हॉलीडे’ में भी कॉमेडी का कुछ हिस्‍सा है लेकिन यह एक सीरियस थ्रिलर मूवी है।”

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Film Review – Heropanti

मुंबई,एजेंसी। जैकी श्रॉफ के बेटे टाइगर श्रॉफ को केंद्र में रख कर बनी निर्माता साजिद नाडियाडवाला की साबिर खान निर्देशित ‘हीरोपंती’ का एक ही मकसद है सिर्फ और सिर्फ टाइगर श्रॉफ की खूबियों को दिखाना। इन दिनों हिंदी फिल्मों में हीरो के परफॉर्मेस को जांचने-परखने का तरीका एक्शन और डांस रह गया है। ड्रामा और इमोशन के दृश्य उन्हें कम से कम दिए जाते हैं। ‘हीरोपंती’ में टाइगर श्रॉफ अपनी मचलती मांसपेशियों और चुस्त देहयष्टि के साथ मौजूद हैं। डांस सिक्वेंस में भी उनकी चपलता आकर्षित करती है। कमी है तो सिर्फ एक्टिंग में, संवाद अदायगी में स्पष्टता नहीं है और हर इमोशन में चेहरे का भाव एक सा ही बना रहता है। बतौर अभिनेता टाइगर को अभी काफी मेहनत करनी होगी। ‘हीरोपंती’ अंतर्निहित कमियों और खूबियों के साथ एंटरटेन करती है, क्योंकि लंबे समय के बाद पर्दे पर दिख रहे हीरो के स्टंट में विश्वसनीयता है। एक्शन के सभी दृश्यों में टाइगर श्रॉफ के आत्मविश्वास और दक्षता की झलक है। एक्शन डायरेक्टर ने इन दृश्यों को हैरतअंगेज नहीं रखा है। इसी प्रकार गानों के फिल्मांकन में टाइगर श्रॉफ के …

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दम तोड़ती यूपी की दर्जन भर नदियां

लखनऊ,एजेंसी-23 मई। भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में दिन पर दिन बढ़ रहे प्रदूषण से करीब एक दर्जन नदियां खतरे में है. प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी लेने जा रहे नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में काशी और गंगा की सफाई के मुद्दे को भाषण में अहम जगह दी. जल संपत्ति के अंधाधुंध दोहन और प्रदूषण की शिकार इन नदियों की दशा देखने के बाद, ‘जल ही जीवन है’, ‘पानी की बर्बादी रोकें’ या ‘पानी बचाएं’ जैसे नारे बेमानी लगते हैं. शहरों के विस्तार और औद्योगिकीकरण के अलावा बढ़ती आबादी नदियों के प्रदूषण में कोढ़ में खाज का काम कर रही है. सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में गंगा का पानी प्रदूषण के चलते काला पड़ गया है. गर्मी के मौसम में नदी का बहाव नाम मात्र ही रह गया है. प्रदूषण के चलते लोग गंगा स्नान करने से कतराने लगे हैं. गंगाजल की दो बूंदों से मोक्ष की प्राप्ति की चाहत में दूरदराज राज्यों से यहां आए श्रद्धालुों में से कई को गंगा को दूर से ही प्रणाम करते देखा जा सकता है. अपने नामों के योग से वाराणसी का नामकरण करने वाली वरुणा …

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शिल्पियों की भूमि : रघुराजपुर

रघुराजपुर,एजेंसी। कला प्रेमियों का स्‍वप्‍न स्‍थान। पूरा गांव जैसे कला और दस्‍तकारी का खुला संग्रहालय हो। इस गांव में 100 से अधिक परिवार रहते हैं और उनमें ज्‍यादातर परिवार किसी न किसी प्रकार की दस्‍तकारी से जुड़े हैं। यहां के शिल्‍पी कपड़े, कागज और ताड़ के पत्‍तों पर अपने कुशल हाथों से जादू कर देते हैं। या छोटा सा गांव ओडिशा के पुरी जिले में स्थित है। इस गांव के चारों तरफ ताड़, आम, नारियल और गर्म जलवायु के अन्‍य पेड़ों के साथ-साथ पान के पत्‍तों का बाग भी है। लेकिन रघुराजपुर की अपनी पहचान है और वह ओडिशा की कला और शिल्‍प की समृद्ध परंपरा का प्रतिनिधित्‍व करता है। रघुराजपुर पट्टचित्र के लिए प्रसिद्ध है। उडि़या भाषा में ”पट्ट” का मतलब कैनवास और ”चित्र” का मतलब तस्‍वीर है। इसे हाथ से बनी ”पट्टी” पर बनाया जाता है, जो कपड़ों की कई परतों को एक-दूसरे से चिपकाकर तैयार की जाती है। चित्रकारी के लिए कलाकार हाथ से बनाए हुए प्राकृतिक रंगों का इस्‍तेमाल करते हैं। ओडिशा में पट्टचित्र की बड़ी पुरानी परंपरा है। पट्टचित्र का विषय बहुधा पौराणिक और धार्मिक …

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IPL-7 : फिसड्डी टीमों के ये हैं उम्दा खिलाड़ी

नई दिल्ली,एजेंसी। क्रिकेट के सबसे तेजतर्रार स्वरूप टी-20 के अत्यंत रोचक टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में सभी फ्रेंचाइजी अपनी-अपनी टीमों को सशक्त बनाने के लिए जमकर रुपये खर्च करती हैं, लेकिन हर बार सितारों से लदी होने के बावजूद कुछ टीमें अपेक्षा से कहीं बदतर प्रदर्शन करती रही हैं। इन सबमें सबसे रोचक बात यह है कि बेहद खराब प्रदर्शन करने वाली इन टीमों में कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हुए हैं, जिन्होंने पूरी टीम से उलट बेहतरीन प्रदर्शन किया है, लेकिन क्रिकेट में हारने वाली टीम के नहीं, जीतने वाली टीम के खिलाड़ी को ही ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का पुरस्कार दिया जाता है। ऐसे में फिसड्डी टीमों के इन बेहतरीन खिलाड़ियों की तरफ बहुत कम लोगों का ध्यान जा पाता है। आईपीएल के मौजूदा संस्करण की बात करें तो आंकड़े बहुत दिलचस्प कहानी बयान करते नजर आते हैं। आईपीएल-7 में भारी फेरबदल के साथ उतरी दिल्ली डेयरडेविल्स टीम पिछले संस्करण की नाकामी से अपना पीछा नहीं छुड़ा पाई है और सबसे कम मैच जीतकर सबसे निचले पायदान पर है। प्रतियोगिता से बाहर हो चुकी दिल्ली डेयरडेविल्स ने भले …

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एक पेड़ पर उगाए 300 आम के पेड़

लखनऊ,एजेंसी। आम की पैदावार के लिए प्रसिद्ध मलिहाबाद स्थित कलीमुल्ला नर्सरी में एक पेड़ पर 300 आम के पेड़ उगाए गए हैं. यही नहीं इस बार यहां आम की एक नई किस्म ईजाद की जा रही है. यह पतला आम होगा, रसदार होगा इसकी गुठली भी पतली होगी और जल्दी ही पचाने वाला होगा है. फिलहाल इसका नाम नहीं रखा गया है. जिलाधिकारी राज शेखर एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार ने बुधवार को पद्मश्री कलीमुल्ला खां के अनुरोध पर मलिहाबाद स्थित कलीमुल्ला नर्सरी को देखा. कलीमुल्ला ने अधिकारियों को बताया कि इस वर्ष नर्सरी में एक नई आम की किस्म ईजाद की जा रही है. इस आम पर सुर्खी (लालिमा) होगी, यह पतला आम होगा, रसदार होगा और इसकी गुठली भी पतली होगी. यह जल्दी ही पचाने वाला होगा. पद्मश्री कलीमुल्ला ने एक पेड़ पर 300 आम के पेड़ उगाए हैं तथा उन पर विभिन्न प्रजातियों के आमों को भी दिखाया. उन्होंने बताया कि यह नर्सरी चार एकड़ में फैली हुई है. उन्होंने बताया कि वर्ष 1919 में मलिहाबाद में आम के 1300 बाग थे जो अब केवल 700 …

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Film Review – The Xpose

मुंबई,एजेंसी-17 मई। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का सातवां दशक। अभी एंग्री यंग मैन अमिताभ बच्चन का पदार्पण नहीं हुआ था। फिल्म स्टार, फिल्में, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर का अलग ढर्रा था। चमकदार और रंगीन होने के साथ हिंदी सिनेमा में चकाचौंध अभी आई ही थी। हीरोइनें साड़ी छोड़कर विदेशी परिधानों में दिखने लगी थीं। ऐसे ही परिवेश की कहानी है ‘द एक्सपोज’। हिमेश रेशमिया उर्फ रवि कुमार को केंद्र में रख कर बनाई गई इस फिल्म के सारे किरदार सप्तर्षि की तरह हैं। ध्रुवतारा या स्टार एक ही हैं हिमेश रेशमिया। लेखक और निर्देशक का पूरा ध्यान हिमेश रेशमिया पर टिका है। उनकी वेशभूषा, चाल-ढाल, संवाद अदायगी, लुक और अंदाज को हर तरह से सजाने-संवारने की सफल कोशिश की गई है। फिल्म की दोनों हीरोइनों जारा और चांदनी की खूबसूरत और मादक अंदाज में पेश किया गया है। चूंकि माहौल ही फिल्म इंडस्ट्री की रौनक का है, इसलिए वे सभी फिल्म की कहानी में उपयुक्त लगते हैं। फिल्म में निर्माता-निर्देशक के तौर पर आए किरदारों को ठोस चरित्र दिए गए हैं। इनके अलावा बाकी किरदारों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है, …

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क्या यमुना को बचाएंगे मोदी?

वृंदावन/मथुरा,एजेंसी | ब्रज क्षेत्र में कई पर्यावरणविद और यमुना बचाव अभियान से जुड़े कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के नेता नरेंद्र मोदी से उम्मीद कर रहे हैं कि जैसे अहमदाबाद में साबरमती को साफ कराया गया उसी तरह वह यमुना के भगीरथ (रक्षक) साबित हो सकते हैं। आगरा में यमुना के लिए साबरमती मॉडल के लिए अभियान चला रहे आचार्य मधुकर चतुर्वेदी ने आईएएनएस को बताया, “अहमदाबाद में आज साबरमती नदी को देखिए, मोदी के गुजरात में सत्ता संभालने से पहले साबरमती की क्या स्थिति थी? यह जादू की तरह है, साफ ही साफ पानी है और नदी के किनारे की जमीन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए किराए पर दी जा रही, जिससे यह न सिर्फ आर्थिक सहारा बना है, बल्कि यह शहर के आकर्षण का मुख्य केंद्र है।” उन्होंने कहा कि अधिकांश गुजराती वैष्णव, कृष्ण भक्त हैं जो यमुना को कृष्ण के साथी के रूप में सम्मान देते हैं। ताजनगरी में रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने यमुना को बचाने का संकल्प लिया था। मथुरा से भाजपा उम्मीदवार हेमा मालिनी के सार्वजनिक रूप से यमुना के मुद्दे को उठाने …

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