लखनऊ,एजेंसी। आम की पैदावार के लिए प्रसिद्ध मलिहाबाद स्थित कलीमुल्ला नर्सरी में एक पेड़ पर 300 आम के पेड़ उगाए गए हैं. यही नहीं इस बार यहां आम की एक नई किस्म ईजाद की जा रही है. यह पतला आम होगा, रसदार होगा इसकी गुठली भी पतली होगी और जल्दी ही पचाने वाला होगा है. फिलहाल इसका नाम नहीं रखा गया है.
जिलाधिकारी राज शेखर एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार ने बुधवार को पद्मश्री कलीमुल्ला खां के अनुरोध पर मलिहाबाद स्थित कलीमुल्ला नर्सरी को देखा. कलीमुल्ला ने अधिकारियों को बताया कि इस वर्ष नर्सरी में एक नई आम की किस्म ईजाद की जा रही है. इस आम पर सुर्खी (लालिमा) होगी, यह पतला आम होगा, रसदार होगा और इसकी गुठली भी पतली होगी. यह जल्दी ही पचाने वाला होगा.
पद्मश्री कलीमुल्ला ने एक पेड़ पर 300 आम के पेड़ उगाए हैं तथा उन पर विभिन्न प्रजातियों के आमों को भी दिखाया. उन्होंने बताया कि यह नर्सरी चार एकड़ में फैली हुई है.
उन्होंने बताया कि वर्ष 1919 में मलिहाबाद में आम के 1300 बाग थे जो अब केवल 700 के करीब ही रह गए हैं. उन्होंने 300 आमों में से एक किस्म पाकिस्तान के आम की भी दिखायी जो पाकिस्तान के सिंध इलाके से लाकर लगाया गया है.
उन्होंने बताया कि एक ही आम के पेड़ पर विभिन्न किस्मों के आम को लगाना वर्ष 1987 से प्रारम्भ किया गया था. उन्होंने बताया कि पिछले दस वर्षो से आम की फसल लगातार कम होती जा रही है. इन 300 आमों में से चार किस्म के आम गुजरात से भी लाकर रोपित किए गए हैं.
पद्मश्री कलीमुल्ला खां ने जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिय अधीक्षक को बताया कि दिन प्रतिदिन पानी की कमी जमीन के अन्दर होती जा रही है. लेकिन ऊसर भूमि में भी आम के वृक्ष लगाकर आम की फसल ली जा सकती है तथा क्षेत्र में हरियाली उत्पन्न की जा सकती है. जिलाधिकारी ने ऊसर भूमि में आम के बाग विकसित करने के उद्देश्य से एक सप्ताह में डीएचओ एवं कृषि अधिकारी को साइट विजिट करने के निर्देश दिए हैं.