Friday , 22 November 2024
Home >> Exclusive News >> क्या यमुना को बचाएंगे मोदी?

क्या यमुना को बचाएंगे मोदी?


वृंदावन/मथुरा,एजेंसी | ब्रज क्षेत्र में कई पर्यावरणविद और यमुना बचाव अभियान से जुड़े कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के नेता नरेंद्र मोदी से उम्मीद कर रहे हैं कि जैसे अहमदाबाद में साबरमती को साफ कराया गया उसी तरह वह यमुना के भगीरथ (रक्षक) साबित हो सकते हैं। आगरा में यमुना के लिए साबरमती मॉडल के लिए अभियान चला रहे आचार्य मधुकर चतुर्वेदी ने आईएएनएस को बताया, “अहमदाबाद में आज साबरमती नदी को देखिए, मोदी के गुजरात में सत्ता संभालने से पहले साबरमती की क्या स्थिति थी? यह जादू की तरह है, साफ ही साफ पानी है और नदी के किनारे की जमीन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए किराए पर दी जा रही, जिससे यह न सिर्फ आर्थिक सहारा बना है, बल्कि यह शहर के आकर्षण का मुख्य केंद्र है।”

उन्होंने कहा कि अधिकांश गुजराती वैष्णव, कृष्ण भक्त हैं जो यमुना को कृष्ण के साथी के रूप में सम्मान देते हैं।

ताजनगरी में रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने यमुना को बचाने का संकल्प लिया था।

मथुरा से भाजपा उम्मीदवार हेमा मालिनी के सार्वजनिक रूप से यमुना के मुद्दे को उठाने का वादा करने पर कार्यकर्ताओं में जोश भर गया है।

ब्रज हेरिटेज सोसायटी के सुरेंद्र शर्मा ने कहा, “भारतीय इतिहास का स्वर्ण, भव्य स्मारक, धर्म, संस्कृति और हमारा महान धरोहर दिल्ली से 200 किलोमीटर दूर आगरा में यमुना नदी के किनारे फल फूल रहा है।”

यमुना रक्षक दल और कई अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं ने राजनीतिक पार्टियों के सामने यमुना के मुद्दे उठाए हैं और यमुना की सफाई के लिए उम्मीदवारों से वादा करने की मांग की है। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) उम्मीदवार जयंत चौधरी ने भी अपने भाषण में यमुना का जिक्र किया है, हालांकि, पिछले पांच सालों में उन्होंने नदी को बचाने के लिए कुछ नहीं किया है।

आगरा में भाजपा उम्मीदवार राम शंकर कथीरिया ने यमुना को मुख्य मुद्दे के रूप में लिया है। उन्होंने कहा कि यमुना नदी के ऊपर बनने वाला व लंबित बैराज परियोजना उनके लिए इस समय प्राथमिकता है। कठेरिया ने पिछले साल संसद में प्रदूषित पानी से ताजमहल को खतरा होने का मुद्दा उठाया था।

कथीरिया ने कहा, “नदी में पानी न सिर्फ इंसानों बल्कि ऐतिहासिक स्मारकों की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है।”

गैर सरकारी संगठन फ्रेंड्स ऑफ वृंदावन के संयोजक जगन्नाथ पोद्दार ने कहा कि यमुना प्रदूषण के दानव ‘काली नाग’ के वध के लिए एक कृष्णा का इंतजार कर रही है। कौन जानता है कि मोदी यह भूमिका निभा सकते हैं।


Check Also

जाने क्यों जन्माष्टमी पर लगाया जाता है श्री कृष्णा को 56 भोग

जन्माष्टमी आने में कुछ ही समय बचा है. इस साल जन्माष्टमी का पर्व  31 अगस्त …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *