आगरा,(एजेंसी)09 दिसंबर । चुनावी मौसम में जहां एक ओर मतदाताओं से धर्म और जाति से ऊपर उठकर वोट करने की बात की जा रही है, वहीं दूसरी ओर देश में धर्म परिवर्तन या यह कहें कि धर्म में वापसी की कवायद की भी जारी है। इसी साल अगस्त में अलीगढ़ में 72 लोग ईसाई धर्म छोड़कर फिर से हिंदू बन गए थे। अब इस कड़ी में आगरा का नाम है, जहां 200 मुसलमानों की फिर से हिंदू धर्म में वापसी हुई है।
यह पूरा कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन धर्म जागरण समन्वय विभाग और बजरंग दल के साथ मिलकर आयोजित किया। इसके तहत करीब 57 मुस्लिम परिवारों को वापस हिंदू धर्म में शामिल किया गया और कार्यक्रम को नाम दिया गया ‘पुरखों की घर वापसी’।
धर्म में वापसी की इस कवायद पर बात करते हुए संघ के पदाधिकारी राजेश्वर सिंह ने बताया कि 200 से अधिक मुस्लिमों को ‘वापस हिंदू धर्म में’ शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि धर्मांतरण कर वापस हिंदू धर्म में लौटने वाले इन लोगों को नए नाम दिए जाएंगे। राजेश्वर सिंह ने बताया कि इस क्रिसमस के मौके पर अलीगढ़ में पांच हजार से अधिक मुस्लिम और ईसाई लोगों को ‘वापस हिंदू धर्म में’ शामिल किया जाएगा। इसके लिए अलीगढ़ के माहेश्वरी कॉलेज में भव्य समारोह का आयोजन होगा।
मंत्रोच्चारण और वोटर आईडी
हाल ही आगरा में आयोजित ‘पुरखों की घर वापसी’ के तहत सभी नए घरों में भगवा ध्वज लगाया गया। धर्माचार्यों के मंत्रोच्चारण के बीच मुस्लिम परिवारों ने हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिमाओं के पैर धोएं। धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों के माथे पर तिलक लगाए गए। इसके बाद संघ और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इन लोगों के नामों की लिस्ट बनाई ताकि इनके वोटर आईडी और आधार कार्ड तैयार कराएं जा सके।
पुलिस को नहीं दी सूचना
दूसरी ओर, आगरा के एसएसपी सलभ माथुर ने कहा कि इस समारोह के बारे में पुलिस को सूचित नहीं किया गया। उन्होंने कहा ‘यदि लोग अपनी मर्जी से धर्म परिवतर्न करना चाहते हैं तो उन्हें ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता, यह उनका मूल अधिकार है।’