पूरे देश में रिकॉर्ड टीकाकरण के बीच फर्जी वैक्सीन का मामला भी प्रकाश में आया है। फर्जी वैक्सीन घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार (1 सितंबर 2021) को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक साथ 10 ठिकानों पर रेड मारी है। इस मामले में जाँच एजेंसी ने टीके की जमाखोरी, कालाबाजारी और नकली दवाओं सहित 6 मामले दर्ज किए हैं। कई लोगों से पूछताछ भी की जा चुकी है।
दरअसल, 3 जुलाई 2021 को SIT टीम के एक जाँच दल ने कोलकाता में फर्जी टीकाकरण केंद्र चला रहे फर्जी IAS अधिकारी देबाजन देब के यहाँ छापा मारा था। मामले का खुलासा होने के बाद कोलकाता पुलिस ने आऱोपित को अरेस्ट कर लिया था। इस दौरान पुलिस ने बहुत सामान बरामद किया था। इसमें अटेंडेंस रजिस्टर, विजिटर स्लिप, नौकरी के लिए आवेदन, फर्जी टेंडर के दस्तावेज़ शामिल थे।
पूछताछ के दौरान आरोपित ने पुलिस को बताया था कि वह कोरोना टीकाकरण केंद्र में कोविशील्ड वैक्सीन की जगह लोगों को निमोनिया का इंजेक्शन दे रहा था। देबांजन देब कोविशील्ड वैक्सीन के ग्राफिक्स को प्रिंट करके उसे टीके की शीशी पर लगाता था। इसके पहले गत वर्ष उसने सैनेटाइजर का भी कारोबार शुरू किया था। फिलहाल उसके टीएमसी के नेताओं के साथ लिंक्स की जांच चल रही है।