नई दिल्ली,(एजेंसी)09 दिसंबर ।
बीजेपी के पूर्व मंत्री चिन्मयानंद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के विवादास्पद बयान से अपनी असहमति जताई हो, लेकिन उनकी पार्टी से जुड़े लोगों पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है।
फतेहपुर से सांसद साध्वी निरंजन ज्योति के विवादास्पद बयान ‘रामजादा बनाम हरामजादा’ पर सियासी हलकों और संसद में मचा बवाल अभी थमा भी नहीं था कि साधु से नेता बने बीजेपी के स्वामी चिन्मयानंद ने साध्वी से एक कदम आगे बढ़ते हुए जामा मस्जिद के इमाम अहमद शाह बुखारी को ‘हरामजादा’ कह डाला।
यूपी के बलरामपुर में डीएवी इंटर कॉलेज पर विश्व हिंदू परिषद की ओर से आयोजित हिंदू सम्मेलन को संबोधित करते हुए चिन्मयानंद ने कहा, ‘दो दिन पहले मैंने जामा मस्जिद के इमाम से पूछा था कि वो अपने नाम के साथ बुखारी क्यों लिखते हैं?. उन्होंने कहा, ‘चूंकि उनके पूर्वज बुखारा से आए थे, इसलिए वे अपने नाम के साथ बुखारी लिखते हैं।’
चिन्मयानंद ने कहा, ‘अगर इस तरह के ‘ह..मजादे’ देश में रहेंगे, तो एक साध्वी उन्हें ‘ह..मजादा’ क्यों नहीं कह सकती ।’ इसके तुरंत बाद स्वामी ने वहां मौजूद लोगों की भीड़ से जय श्रीराम के नारे लगवाए।
पूर्व मंत्री ने कहा कि उन्हें हिंदुस्तान आए हुए कई साल गुजर गए। कई पीढ़ियों खत्म हो गई. इमाम यहां का अनाज खाते हैं, पानी पीते हैं और यहीं की हवा में सांस भी लेते हैं, लेकिन अब भी मानते हैं कि उनका ताल्लुक बुखारा से हैं।
इसके अलावा चिन्मयानंद ने अहमद बुखारी के बेटे के दस्तारबंदी कार्यक्रम का भी जिक्र किया। जिसमें बुखारी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को तो न्योता दिया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण नहीं बुलाया।
गौरतलब है कि चिन्मयानंद अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में गृह मामलों के राज्यमंत्री रह चुके हैं।