‘‘मेट्रो हमारे घोषणापत्र में नहीं था लेकिन जनता का हित हमारे लिए सबसे ऊपर है। किसने सोचा था कि सूबे के गरीब बच्चे भी लैपटॉप लेकर चलेंगे। पिछले ढाई साल में देश के किसी भी प्रदेश में डिवेलपमेंट से जुड़े इतने प्रॉजेक्ट्स नहीं आए, जितने यूपी में आए।‘‘
– अखिलेश यादव, मुख्यमंत्री
लखनऊ ,(एजेंसी) 27 सितम्बर । करीब छह साल के लम्बे इंतजार के बाद लखनऊ मेट्रो का काम शुरू हो गया। शुक्रवार को भूमि पूजन के बाद नैमिषारण्य से आए आचार्यों के मंत्रोच्चारण के बीच मुख्यमंत्री ने जमीन की खुदाई करने वाली रिग मशीन पर नारियल फोड़ा। इसके बाद उन्होंने बटन दबाया और मशीन ने देखते ही देखते महज तीन सेकंड में पिलर के लिए दो मीटर से ज्यादा गहरा गड्ढा खोद दिया।
रविवार से यहां मिट्टी की टेस्टिंग शुरू होगी और अगले एक हफ्ते में काम दिखने लगेगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि मेट्रो का काम पूरी रफ्तार से चलेगा। हम इसे हर हाल में दिसंबर 2016 तक शुरू कर देंगे। डेढ़ साल में टीपी नगर से चारबाग तक मेट्रो चलने लगेगी। कार्यक्रम में नगर विकास मंत्री आजम खान, स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन और कारागार मंत्री राजेंद्र चैधरी भी मौजूद थे।
छह वर्ष बाद खत्म हुआ इंतजार
2008 सितम्बर में लखनऊ मेट्रो का पहला डीपीआर बनाने की तैयारी शुरू हुई।
2009 फरवरी में एलडीए और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के बीच डीपीआर बनाने के लिए अग्रीमेंट हुआ।
2011 अप्रैल में डीएमआरसी ने डीपीआर का ड्राफ्ट जमा किया।
2013 फरवरी में मुख्यमंत्री अखिलेश ने बजट भाषण में लखनऊ में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए मेट्रो रेल की घोषणा की।
2013 दिसंबर में केंद्र से लखनऊ मेट्रो को सैद्धांतिक सहमति मिली।
बुलाया लेकिन नहीं आए आजम
भूमि पूजन के दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश ने पूजा से पहले नगर विकास मंत्री आजम खां को याद किया। उन्हें आवाज दी गई। वह पीछे ही बैठे थे लेकिन साथी विधायकों को छोड़कर आने को राजी नहीं हुए। सीएम ने दोबारा बुलाया लेकिन आजम ने मुख्यमंत्री के साथ पूजा पर बैठना मंजूर नहीं किया। तीसरी बार राजेंद्र चैधरी उन्हें लेने गए लेकिन बात नहीं बनी। चैधरी ने वापस आकर सीएम के कान में कुछ कहा, फिर अखिलेश ने ई. श्रीधरन और मधुकर जेटली के साथ पूजा की।