नई दिल्ली,(एजेंसी)03 अगस्त। संसद के मानसून सत्र में जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए जहां एक ओर सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है, वहीं बैठक से ठीक पहले संसदीय दल की बैठक बुलाकर कांग्रेस ने अपनी रणनीति स्पष्ट कर दी है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने साफ और सीधे लफ्जों में कहा है कि केंद्र जब तक विपक्ष की मांगों को नहीं मानती विरोध जारी रहेगा।
सोनिया गांधी
सोनिया गांधी ने बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा, ‘बहुमत को कभी घमंडी नहीं होना चाहिए। हमारे प्रधानमंत्री ने खूब वादें किए, लेकिन ऐसा नहीं लगता कि वो उन वादों को पूरा कर पाएंगे।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन सरकार का रवैया समझ से परे है। उन्होंने कहा कि जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जाता, सदन की कार्यवाही चलने नहीं दी जाएगी।
तब मन की बात, अब मौन व्रत
प्रधानमंत्री और उनकी सरकार पर वार तेज करते हुए सोनिया गांधी ने आगे कहा, ‘एक तरफ प्रधानमंत्री उच्च नैतिकता का दावा करते हैं। पारदर्शिता, ईमानदारी और जवाबदेही की बात करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ वह अपनी एक मंत्री और दो मुख्यमंत्रियों के गुनाहों पर चुप्पी साध लेते हैं। जब कभी उनके सहयोगियों पर कोई इल्जाम लगता है उनके मन की बात मौत व्रत में तब्दील हो जाता है। जब गुनगहार लोग अपने पद पर बने हुए हैं हम सरकार से कोई बातचीत नहीं करेंगे। किसी भी कार्यवाही को होने नहीं दिया जाएगा।’
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह के मामले सामने आ रहे हैं इस्तीफा भी एकमात्र समाधान है। राहुल ने कहा, ‘हम लगातार विरोध कर रहे हैं और तब तक करते रहेंगे जब तक कि सरकार मंत्री और मुख्यमंत्रियों से इस्तीफा नहीं ले लेते।’
गौरतलब है कि कांग्रेस की मांग से इतर सरकार और बीजेपी सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग स्वीकार करने के कोई संकेत नहीं दे रही हैं। कांग्रेस और वाम सहित विपक्षी दल जहां ‘इस्तीफा नहीं, तब तक कोई चर्चा नहीं’ पर अड़े हुए हैं, वहीं बीजेपी नेता और मंत्री लगातार यह कह रहे हैं कि कोई इस्तीफा नहीं होगा और सरकार विपक्ष को ‘उपकृत’ करने नहीं जा रही है।