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फ्लाइट लेट कराने के केस में फड़नवीस-रिजिजू को नहीं मिलेगी छूट, PMO ने मांगा जवाब


नई दिल्ली,(एजेंसी)02 जुलाई। वीआईपी यात्रा के नाम पर फ्लाइट रवानगी में देर कराने के मामले में गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। केंद्र सरकार दोनों बीजेपी नेताओं को छूट देने के मूड में नहीं है। प्रधानमंत्री दफ्तर (पीएमओ) ने इन मामलों पर सिविल एविएशन मिनिस्ट्री से रिपोर्ट मांगी है।

पीएमओ ने हाल के दिनों में वीआईपी यात्रा के नाम पर फ्लाइट रवानगी में देरी की सभी घटनाओं पर रिपोर्ट मांगी है। उधर एविएशन मिनिस्ट्री ने एअर इंडिया से फड़नवीस और रिजिजू के मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

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PM नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

दोनों पर अलग-अलग मामलों में है आरोप
मंत्रालय में सचिव आरएन चौबे ने बताया, ‘हम एअर इंडिया की ओर से रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि एअर इंडिया की रिपोर्ट आने के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। गौरतलब है कि दो अलग-अलग मामलों में फड़नवीस और रिजिजू पर एअर इंडिया की फ्लाइट रवाना होने में देर कराने का आरोप है। फड़नवीस वाला मामला 29 जून का है। मुंबई से नेवार्क जाने वाली फ्लाइट में चेकिंग के दौरान फड़नवीस के प्रिंसिपल सेक्रेटरी प्रवीण परदेशी को वैध वीजा न होने के चलते रोक लिया गया था।

क्या झूठ बोल रहे हैं फड़नवीस?
एअर इंडिया के अंदरूनी कम्युनिकेशन के मुताबिक, प्रवीण परदेशी के वीजा में गड़बड़ थी और जब मुख्यमंत्री फड़नवीस को इस बारे में बताया गया तो उन्होंने कहा कि वह अपने प्रतिनिधिमंडल के एक अहम सदस्य को छोड़कर रवाना नहीं हो सकते। इस पूरे घटनाक्रम की वजह से न्यूयॉर्क जाने वाली फ्लाइट 57 मिनट की देरी से रवाना हुई।

मामला सामने आने पर फड़नवीस ने ट्वीट करके मामले को झूठा बताया था। उन्होंने लिखा था, ‘मैंने जबरदस्ती न्यूयॉर्क जाने वाली फ्लाइट को देर करवाई, यह आरोप झूठा और बेबुनियाद है। मैं इससे पूरी तरह इनकार करता हूं।’

The allegation that I forced to delay the flight to New York is false & misleading. I totally deny it.

— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) June 30, 2015

रिजिजू के लिए प्लेन से उतारे गए तीन यात्री
24 जून को इसी तरह के मामले में किरण रिजिजू पर आरोप लगे। लेह से दिल्ली आने वाली फ्लाइट में रिजिजू के लिए जगह बनाने के लिए प्लेन में बैठ चुके तीन यात्रियों को उतारा गया, जिसमें एक बच्चा भी शामिल था। आरोप है कि फ्लाइट रवानगी में देरी भी हुई।

इस पर सफाई देते हुए रिजिजू ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी। रिजिजू ने कहा, ‘आमतौर पर मैं जब भी किसी आधिकारिक काम के सिलसिले में कहीं जाता हूं तो मुझे मेरे सभी यात्रा प्रबंधनों के बारे में सूचित किया जाता है। लेकिन इस घटना के लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं, क्योंकि लेह प्रशासन ने मुझे इसके बारे में सूचित नहीं किया था कि वे विमान में मेरा प्रबंधन कराने के लिए बदलाव कर रहे हैं।’

न्होंने कहा, ‘यह साफ है कि यदि मुझे इन बदलावों के बारे में बताया जाता, जिनसे यात्रियों को समस्याएं हुई हैं तो मैं इसे होने से रोक सकता था।’

फ्लाइट में देर होने के आरोप को उन्होंने यह कहते हुए गलत बताया कि फ्लाइट को पहले ही तकनीकी वजहों से प्रीपोन करने का फैसला लिया गया था।


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