मैं आज देश के 130 करोड़ देशवासियों को आग्रह करता हूं। आने वाले दिनों में धनतेरस, दीवाली, छठ का त्योहार आ रहा है। मेरा आपसे आग्रह है कि जितना संभव हो सके, लोकल चीजें ही खरीदें। इससे दीवाली सिर्फ आपके घर ही नहीं, उस गरीब सामान बेचने वाले के घर भी होगी।
अब लोग शॉपिंग से पहले देखते हैं कि सामान कहां बना है, क्या भारत में बना है या नहीं है। स्थानीय लोगों का सामान जब बिकता है तो इसका फायदा देश को ही होता है। इसलिए वोकल फॉर लोकल को आगे बढ़ाएं।
मैं खादी का उदाहरण देता हूं। ऐसा नहीं है कि जब एनडीए सरकार आई, तो कोई नई तरह की खादी का जन्म हुआ है। बीते वर्षों के प्रयासों से अब खादी का गौरव, हमारे बुनकरों का गौरव बढ़ गया है। अब लोगों में खादी के लिए क्रेज बढ़ा है, जिससे खादी की बिक्री बढ़ी है।
पहले जितनी खादी बिकती थी, उससे कई गुना ज्यादा खादी आज बिक रही है। लोग खरीद रहे हैं, दुनिया में भी मांग बढ़ रही है। 2014 से पहले 25 साल में जितने वर्ष की खादी हमारे देश में बिकी थी उससे ज्यादा की खादी सिर्फ पिछले 5 साल में बिक चुकी है।
एनडीए सरकार हमारे किसानों के उत्पादों को कितना संरक्षण दे रही है, इसका बहुत बड़ा उदाहरण है हमारा जूट से जुड़ा सेक्टर। आज जब देश सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति की तरफ तेजी से अपने कदम बढ़ा रहा है, तो इसका सीधा लाभ हमारे जूट किसानों को हो रहा है, जूट उद्योग को हो रहा है।
बिहार के हर जिले में कम से कम एक ऐसा उत्पाद है, जो देश-विदेश के बाजारों में धूम मचा सकता है। आत्मनिर्भर बिहार के लिए हर जिलों के ऐसे उत्पादों को निखारने, संवारने के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर लगाने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है।
जब वो कर्ज तले दब जाते थे, उनके सामने बहुत बड़ा संकट आ जाता था। इसी संकट से उन्हें निकालने के लिए छोटे किसानों, पशुपालकों, मछलीपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से जोड़ा जा रहा है।
हमारे जो छोटे किसान हैं, पशुपालक हैं, मछली के कारोबार से जुड़े साथी हैं, वो भी लंबे समय तक बैंकों के बाहर से कर्ज लेने के लिए मजबूर थे। जरूरत पड़ने पर उन्हें बहुत ज्यादा ऊंची ब्याज दरों पर कर्ज मिलता था।