लखनऊ,(एजेंसी) 5 फरवरी । पिता ने बड़े लाड-प्यार से उसके देवी शक्ति का नाम गौरी दिया था। सर्द मौसम में अपने उसी पिता की फिक्र में वह जैकेट ड्रायक्लीनर को देने घर से निकली थी, लेकिन क्या पता था देर शाम उसी पिता को अपनी बेटी की लाश टुकड़ों में मिलेगी।
लखनऊ के शहीद पथ पर सोमवा को टुकड़ों-टुकड़ों में मिला शव अंबेडकर लॉ कॉलेज में फर्स्ट सेमेस्टर की छात्रा गौरी श्रीवास्तव का था। मंगलवार सुबह गौरी के पिता शिशिर श्रीवास्तव ने पीजीआई थाना पहुंचकर फोटो और कपड़ों से अपनी बेटी की शिनाख्त की। इंटीरियर डेकोरेटर शिशिर ने बताया कि गौरी रविवार दोपहर करीब एक बजे उनकी जैकेट ड्राईक्लीनर को देने के लिए घर से निकली थी।
दूसरी ओर, लाश की शिनाख्त होने के साथ ही कई टुकड़ों में बंटी गौरी की लाश और हत्या का रहस्य उलझ गया है। पुलिस को शक है कि किसी करीबी ने ही गौरी की निर्मम हत्या की है। पोस्टमार्टम में सामने आया है कि छात्रा की बड़ी बेरहमी से हत्या की गई और उसे किसी धारदार मशीन से काटा गया। हत्या के एक-डेढ़ घंटे में ही लाश को ठिकाने लगा दिया गया, हालांकि पोस्टमार्टम में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है।
पुलिस ने गौरी के फेसबुक फ्रेंड सहित पांच युवकों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। पोस्टमार्टम में शामिल डॉक्टरों का कहना है कि गौरी के हत्यारों ने क्रूरता की सीमाएं तोड़ डाली थीं। बचने के लिए उसने संघर्ष किया, लेकिन शरीर में अंदरूनी चोटें आने के कारण गौरी का ब्रेन हैमरेज हो गया। डॉक्टरों का मानना है वह कोमा में चली गई होगी, जिसके बाद झटके से उसके गर्दन पर धारदार हथियार से हमला किया गया।
डॉक्टरों ने बताया कि जिस हिसाब से गौरी के अंग काटे गए उससे साफ है कि इसमें किसी मशीन का इस्तेमाल किया गया। उसकी जान निकलने से पहले ही उसका बायां हाथ भी काटा जा चुका था। गर्दन और बाएं हाथ के काटे जाने तक शॉर्प कटिंग का न होना इस ओर इशारा करता है, वहीं शरीर के बाकी अंग मौत के बाद काटे गए क्योंकि इन अंगों के कट बेहद शॉर्प हैं। अनुमान है कि गौरी की हत्या रविवार शाम सात से आठ बजे के बीच की गई।