लखनऊ ,(एजेंसी) 17 अक्टूबर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का अजेंडा एक बार फिर दोहराया है। संघ की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारी मंडल की बैठक शुक्रवार से सरस्वती शिशु मंदिर, निराला नगर में शुरू हो रही है। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य का कहना है कि संघ की नजर में भारत में कोई मॉइनॉरिटी नहीं है।
मनमोहन वैद्य गुरुवार को पत्रकारों से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि संघ जाति-धर्म के आधार पर विभाजन में विश्वास नहीं रखता। हमारी नजर में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति सांस्कृतिक रूप से हिन्दू है। संघ से मुसलमानों के जुड़ाव के सवाल पर वैद्य ने कहा कि हमारी शाखा में हर हिंदू आता है जिसमें वह भी हैं जिन्हें आप मुसलमान कह रहे हैं। हम जातीय या धार्मिक आधार पर आंकलन नहीं करते। इससे पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी हिंदुस्तान में रहने वाले हर व्यक्ति को हिंदू कहा था जिसको लेकर काफी बहस चली थी।
जुड़ रहे युवा
वैद्य ने कहा कि संघ से युवाओं का जुड़ाव बढ़ रहा है। प्राथमिक शिक्षक वर्ग में एक साल में 50 फीसदी लोग बढ़े हैं। इसमें 13 से 40 आयु वर्ग के लोग हिस्सा लेते हैं। वहीं संघ के परिचय वर्ग में इसके चार गुना तक लोग पहुंचे हैं। जॉइन आरएसएस अभियान के जरिए हर महीने ऑनलाइन 7000 लोग जुड़ रहे हैं। युवाओं में सांस्कृतिक पहचान और गौरव से जुड़ने की भूख बढ़ी है। आरएसएस से उनके जुड़ने की मुख्य वजह यही है।
जोड़ने के साथ रोकने की चिंता
तीन दिवसीय बैठक में संघ के साथ जुड़ रहे लोगों को सक्रिय भागीदारी बनाने की चिंता पर भी बात होगी। युवा संघ की विचारधारा और चर्चा में दिलचस्पी तो ले रहा है पर स्थाई जुड़ाव अभी भी एक चुनौती है।