नई दिल्ली,एजेंसी-12 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि नई सरकार लोगों की उम्मीदों पर खड़ा उतरेगी और किए गए वादों को पूरा करने में कोई कसर बाकी नहीं रखेगी। मोदी ने नेताओं से दुष्कर्म जैसी घटना पर बयानबाजी और मनोवैज्ञानिक विश्लेषण देने से बचने का आग्रह किया। मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चाओं का लोकसभा में उत्तर दे रहे थे। लोकसभा में अपने पहले संबोधन में नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण के माध्यम से वादों की जो रूपरेखा प्रस्तुत की गई है उसे पूरा करने में उनकी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
गुजरात में मुख्यमंत्री बनने के समय के अपने अनुभव का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि उस समय राज्य भर में 24 घंटे बिजली पहुंचाने का वादा था। उन्होंने कहा, “यह माना जा रहा था कि लोगों को संदेह होगा..लेकिन मैं इस सदन को भरोसा दिलाता हूं कि जो रास्ता राष्ट्रपति ने दिखाया है उसे पूरा करने के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।” उन्होंने कहा, “हमारे लिए राष्ट्रपति का संबोधन परंपरा का हिस्सा है..लेकिन दिव्य संबोधन जैसे शब्द और उसे पूरा करना हमारा उद्यम होगा और यही हमें प्रेरणा भी देगा।” उन्होंने गरीबी हटाने को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए कहा कि गरीब के बेटे आंसू पीकर सो जाएं यह हालत बदलनी चाहिए।
शहर की ओर हो रहे पलायन को रोकने को मोदी ने कहा कि अगर गांव के जीवन में हम बदलाव ला सकें, तो किसी को अपना गांव छोड़ने का मन नहीं करेगा। क्या गांव के अंदर हम उद्योगों का जाल खड़ा नहीं कर सकते? उन्होंने सवाल किया कि हम सदियों से कहते हैं कि हमारा देश कृषि प्रधान और गांवों का देश हैं। यह नारे तो अच्छे लगते हैं, लेकिन क्या हम अपने गांवों के जीवन को बदल पाए हैं? गरीब को गरीबी से बाहर लाना हमारी प्राथमिकता है।
मोदी ने कहा कि 2022 तक सभी को मकान उपलब्ध कराना एक आंदोलन होना चाहिए और हर किसी को इसके लिए काम करना चाहिए। “इसे 10-12 साल का कार्यक्रम बनाना होगा। इसे जन आंदोलन बनना होगा। आजादी के 75वें साल पर हम देश के महान नायकों को याद करेंगे और सभी को मकान देंगे।”
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि 2022 में देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर भारत के हर परिवार के पास पक्का घर होगा, जिसमें बिजली और शौचालय की सुविधा होगी। मोदी ने भारत को ‘स्कैम इंडिया’ से ‘स्किल्ड इंडिया’ बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि उनकी सरकार युवाओं में उद्यमशीलता को विकसित करने की तरफ ध्यान देगी।
मोदी ने कहा, “हमारे देश ने घोटाले वाले भारत से चर्चा पाई है। हमें इसे कौशलयुक्त भारत में बदलना है। विश्व में मानव संसाधन की तत्काल आवश्यकता है। हमारा पड़ोसी चीन बुजुर्ग हो रहा है और हम युवा हो रहे हैं। हमारी प्राथमिकता युवाओं में कौशल विकास करना होना चाहिए।” मोदी ने समस्त पूर्वोत्तर भारत को ‘जैविक राज्य’ राज्य के रूप में विकसित करना चाहिए, ताकि यह क्षेत्र समृद्ध हो और भारत का जैविक उत्पादों के वैश्विक बाजार पर कब्जा हो सके। सिक्किम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वह जल्द ही जैविक राज्य बन जाएगा। अगर यह लक्ष्य हासिल हो जाता है, तो यह पर्वतीय क्षेत्र के लोगों का जीवन बदल देगा।
“सिक्किम कम जनसंख्या वाला छोटा सा राज्य है, लेकिन यह देश का पहला जैविक राज्य बनने की राह पर है। यह देश के लिए गर्व की बात है।” उन्होंने कहा, “आज के दौर में दुनिया में जैविक उत्पादों की भारी मांग है। विश्व जनसंख्या का बड़ा हिस्सा आज समग्र स्वास्थ्य में दिलचस्पी ले रहा है और ऐसे जैविक उत्पादों के लिए कोई भी कीमत देने को तैयार है।”
“जब सिक्किम जैसा एक छोटा सा राज्य ऐसा कर सकता है, तो पूरे पूर्वोत्तर का विकास जैविक राज्य के रूप में क्यों नहीं हो सकता? वैश्विक बाजार पर कब्जे के लिए भारत सरकार सहायता करेगी।”