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ना-पाक मंशा से मुश्किल में NSA वार्ता


नई दिल्ली,(एजेंसी)22 अगस्त। भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने की जो उम्मीद रूस के शहर उफा में बंधी थी वह अब लगभग टूट गई है। रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित एनएसए वार्ता से पहले शुक्रवार को दोनों देशों की ओर से सख्त संदेशों के आदान-प्रदान ने वार्ता रद होने का आधार लगभग तैयार कर दिया है। इस बीच, सरताज अजीज इस्लामाबाद में भारतीय समयानुसार आज दोपहर 1 बजकर 30 मिनट पर प्रेस ब्रीफिंग करेंगे।

हुर्रियत नेताओं से मिलने पर अड़े पाकिस्तान ने जहां आतंकवाद के तय मुद्दे में कश्मीर को भी जोडऩे की बात दोहराई, वहीं भारत ने सख्त लहजे में बता दिया है कि उफा में तय एजेंडे से इतर कुछ भी स्वीकार्य नहीं है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने देर रात फिर कहा कि भारत वार्ता के लिए उस पर पूर्व-शर्तें लगा रहा है। और वह भारत के इस रुख से बहुत निराश है।

वार्ता औपचारिक रूप से रद नहीं :
वैसे दोनों पक्षों की ओर से जारी आरोप-प्रत्यारोप के बावजूद अभी तक किसी भी पक्ष ने औपचारिक रूप से वार्ता रद्द करने की घोषणा नहीं की है। लेकिन यदि गतिरोध ऐसे ही बना रहा, तो बातचीत खटाई में पडऩा तय है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने साफ कर दिया है कि हुर्रियत नेताओं के साथ सरताज अजीज की मुलाकात उफा की भावना के मुताबिक नहीं होगी। उफा में भारत और पाक के प्रधानमंत्रियों के बीच यह सहमति बनी थी कि दोनों देश आतंक से मिल कर लड़ेंगे। वार्ता द्विपक्षीय होगी व इसमें तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है।

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जवाब देने में पाक को 18 दिन लगे :
विकास स्वरूप ने कहा कि पाकिस्तान का तय एजेंडे से पीछे हटना आश्चर्यजनक नहीं है। प्रधानमंत्रियों की बातचीत के बाद से ही उसका यही रवैया है। उन्होंंने आरोप लगाया कि दिल्ली में एनएसए स्तर की वार्ता करने के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देने में पाकिस्तान को 18 दिन लग गए। उसकी अंतिम परिणति के रूप में पाकिस्तान का शुक्रवार का बयान है, जिसमें उसने आतंकवाद के साथ कश्मीर व अन्य मुद्दों को वार्ता के एजेंडे में शामिल बताया है। भारत ने साफ किया है कि यह उसे कतई मंजूर नहीं है।

हुर्रियत नेताओं से न मिलने की दी सलाह :

इसके पहले भारत ने पाकिस्तान को वार्ता के पहले हुर्रियत नेताओं से नहीं मिलने की सलाह दी थी। लेकिन पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त को बुला कर यह बता दिया कि वह भारत की मर्जी के मुताबिक हुर्रियत नेताओं से मुलाकात को नहीं टाल सकता। भारत के सुझाव को पाक ने बेरुखी से अस्वीकार कर दिया है। पाकिस्तान ने कश्मीर को विवादित मुद्दा बताते हुए हुर्रियत नेताओं को कश्मीरियों का असली प्रतिनिधि करार दिया। पाकिस्तान ने उल्टे भारत पर बातचीत के लिए गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया। अलबत्ता पाकिस्तान ने शुक्रवार को देर रात कहा कि हुर्रियत के कट्टरपंथी नेता सैयद अली शाह गिलानी सोमवार को सुबह 9.30 बजे पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज से मिलेंगे।

पाक सेना नहीं चाहती वार्ता हो :

भारत ने परोक्ष रूप से आइएसआइ और पाक सेना पर वार्ता के एजेंडे को बदलने का दबाव बनाने का आरोप लगाया। विकास स्वरूप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान की जनता को यह सोचना चाहिए कि दोनों देशों के चुने हुए प्रधानमंत्रियों की आपसी सहमति पर कौन ग्र्रहण लगा रहा है। संकेत साफ है, आइएसआइ और सेना के दबाव में पाकिस्तान ने भारत के सुझाव को ठुकराया है। वैसे देर शाम तक दोनों पक्षों की तरफ से वार्ता को टालने की घोषणा अभी तक नहीं हुई है।

दोनों देशों को घोषणा का इंतजार :

दोनों पक्ष एक दूसरे का इंतजार कर रहे हैैं कि कौन वार्ता को स्थगित करने का ऐलान करता है। उफा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ के बीच मुलाकात के बाद जैसे ही यह फैसला हुआ कि आतंक पर एनएसए स्तरीय बातचीत होगी उसके बाद पाक का सुर बदलने लगा।

हाल के दिनों में भारत की सीमा पर गोलीबारी, पाकिस्तान में प्रशिक्षित आतंकियों का भारत पर हमला, संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर के मुद्दे को उठाने और अब हुर्रियत नेताओं से मुलाकात दरअसल, पाकिस्तान की इस वार्ता को टालने का बहाना है। भारत ने पिछले वर्ष भी हुर्रियत नेताओं के साथ मुलाकात की वजह से विदेश सचिव स्तरीय बातचीत को टाल दिया था।


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