नई दिल्ली,(एजेंसी)04 अगस्त। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन द्वारा कांग्रेस के 25 सांसदों को पांच दिन के लिए सदन से निलंबित करने के खिलाफ कांग्रेस आज सदन के बाहर धरना प्रदर्शन कर रही है। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद शामिल हैं। यह सभी हाथों पर काली पट्टी बांधे हैं। कांग्रेस ने इस कार्रवाई को लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया है। इसके चलते आज पार्टी ने सदन का बहिष्कार करने की घोषणा की है। इस मुद्दे आरजेडी, एनसीपी और सपा भी कांग्रेस का साथ दे रही है। विपक्ष के हंगामे के चलते आज राज्यसभा बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
कांग्रेस के नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा है कि यह देश और सांसदों की संसद है न कि भाजपा की। उन्होने केंद्र पर आरोप लगाया कि यह सब नागपुर के इशारे पर किया जा रहा है। उनका कहना था कि सरकार को उनकी मांगें माननी ही पड़ेंगी। आज हाे रही भाजपा की संसद दल की बैठक पर उन्होंने कहा कि इस बैठक में केवल कांग्रेस के खिलाफ प्रस्ताव पास किया जाएगा। सांसदों के निलंबन को जदयू नेता केसी त्यागी ने लोकतंत्र का काला दिन बताते हुए कहा कि उनकी पार्टी भी आज संसद का बहिष्कार करेगी।
नीतीश ने निलंबन को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
टीएमसी और जदयू ने इस कार्रवाई को अनुचित बताया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर कहा है कि सांसदों का निलंबन दुर्भाग्यपूर्ण प्रकरण है। संख्या से अधिक लोकतांत्रिक मूल्यों में यकीन करने वाले इरादे को महत्व मिलना चाहिए। यह जरूरी है कि संसद चले। इस बीच आज सदन में चल रहे गतिरोध को देखते हुए भाजपा संसदीय दल की बैठक बुलाई गई है। वहीं जदयू महासचिव केसी त्यागी ने सांसदों निलंबन को लोकतंत्र के लिए काला दिन करार दिया।
लोकसभा में कांग्रेस के 25 सांसद निलंबित
निलंबन पर टीएमसी का विरोध
तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, ‘कांग्रेस सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है और उसकी कुछ मांग है लेकिन यदि सरकार उनकी बात नहीं सुनती है तो सदन चलना मुश्किल होगा। भाजपा ने भी वर्ष 2010 में पूरा एक सत्र नहीं चलने दिया था। निलंबन की कार्रवाई से स्थिति और खराब हो जाएगी।’ इस पर स्पीकर ने कहा, ‘मैं आज किसी की सुनने वाली नहीं हूं। मुझे सदन के बाकी सदस्यों का भी तो ध्यान रखना है जो अपनी बात कहना चाहते हैं।’