नई दिल्ली,(एजेंसी)04 अगस्त। टीम इंडिया श्रीलंकाई दौरे पर पहुंच चुकी है। वहां तीन टेस्ट खेले जाने हैं। विराट कोहली पहली बार लगातार एक से अधिक टेस्ट मैचों में कप्तानी करेंगे। दौरे पर जाने से पहले ही कप्तान ने अपना मंसूबा जाहिर कर दिया है। विराट के तरकश में आक्रामकता सबसे बड़ा हथियार है और उन्होंने इस सीरीज में भी इसको बरकरार रखने का मन बना लिया है। आइये जानते हैं इस दौरे पर कोहली का गेम प्लान क्या होगा।
आक्रामकता कोहली का हथियार
विराट कोहली ने कप्तान बनने के तुरंत बाद यह बता दिया था कि उनके नेतृत्व में टीम इंडिया पिछले दशक से अगल दिखेगी। उन्होंने यह का यह साफ कर दिया था कि वो पारम्परिक पांच गेंदबाज नीति के साथ मैदान में उतरेंगे। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ भी ऐसा ही किया।
कोहली ने साफ किया, ‘टेस्ट जीतने का एकमात्र तरीका है विपक्षी टीम को ऑल आउट करना। यानी सभी 20 विकेट लेने होंगे। हमारे पास अश्विन जैसा खिलाड़ी है जो टेस्ट में 40 की औसत से बल्लेबाजी भी करता है। भुवनेश्वर कुमार और हरभजन सिंह भी निचले क्रम में उपयोगी साबित हो सकते हैं। निश्चित तौर पर शुरुआती छह बल्लेबाजों को ज्यादा जिम्मेदारी संभालनी होगी, लेकिन अगर हम ऐसा करते हुए टेस्ट जीतते हैं तो यह बहुत ही संतोषजनक होगा।’
रोहित शर्मा बनेंगे तुरुप का इक्का
विराट कोहली श्रीलंकाई दौरे पर अपने एक छुपे हुए हथियार का बखूबी इस्तेमाल करना चाहते हैं और उसके लिए उन्होंने खास रणनीति भी बनाई है। ये हैं रोहित शर्मा। कोहली का मानना है कि वो रोहित को नंबर-3 पर बल्लेबाजी के लिए उतारेंगे। अब तक टेस्ट में रोहित नंबर-5 या 6 पर खेलते आए हैं। रोहित खुद भी नंबर-4 पर ही खेलना चाहते हैं लेकिन उनका कप्तान उन्हें नंबर-3 पर उतारने का मन बना चुका है। विराट उन्हें टेस्ट का महान बल्लेबाज बनते हुए देखना चाहते हैं। श्रीलंकाई दौरे पर जाने पहले ही कोहली ने इस बाबत ऐलान भी कर दिया है।
कोहली का मानना है कि रोहित न केवल बड़ी पारी खेलने में सक्षम हैं बल्कि वो तेज गति से रन बनाने में भी भली भांति निपुण हैं। यही कारण है कि वो उन्हें नंबर-3 पर बल्लेबाजी के लिए उतारना चाहते हैं जिससे वो विपक्षी टीम से एक दो सत्र का फायदा उठा सकें। कोहली कहते हैं, ‘नंबर-3 पर ऑस्ट्रेलिया में उसने अच्छा प्रदर्शन किया। उसे वहां और समय चाहिए। एक बार सेट हो गया तो मिडिल ऑर्डर में वो विस्फोटक हो सकता है. वो नेचुरली गिफ्टेड है, हम उसे तेजी से बड़ा स्कोर बनाने का मौका देना चाहते हैं। उसकी तेज बल्लेबाजी की बदौलत (बाद में) बॉलर्स को एक्स्ट्रा 20-30 ओवर मिल जाएंगे।’
टेस्ट टीम में परमानेंट होना चाहते हैं रोहित
वनडे क्रिकेट में अपने दमदार प्रदर्शन से रोहित शर्मा पहले से ही टीम इंडिया के नियमित हिस्सा हैं। उनके नाम वनडे में दो-दो दोहरे शतक भी हैं। यानी वो बड़ी पारी खेलने के लिए जाने जाते हैं। क्रिकेट के जानकार वर्तमान टीम इंडिया में रोहित की तकनीक को सबसे बेहतर मानते हैं।
नियमित अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहने के बावजूद धोनी ने उनपर विश्वास दिखाते हुए उन्हें लगातार टीम में रखा और उनसे बेहतरीन प्रदर्शन करवाया। अब ठीक उसी तरह कप्तान कोहली भी रोहित पर भरोसा कर रहे हैं। कोहली को यह यकीन है कि रोहित टेस्ट में भी उनके लिए खड़ा सोना साबित होंगे, लेकिन अगर रोहित नहीं चले तो कोहली को मुंह की भी खानी पड़ सकती है।
21 साल बाद सीरीज जीत का मौका
पिछले 21 सालों में टीम इंडिया श्रीलंका का पांच बार दौरा कर चुकी है। 1993 को छोड़ बाकी सभी मौके पर टीम को या तो हार का सामना करना पड़ा या सीरीज ड्रॉ रहा। 1985 में टीम इंडिया पहली बार श्रीलंका के दौरे पर गई। कपिल देव के नेतृत्व में वहां तीन टेस्ट खेली गई तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में टीम इंडिया 1-0 से हार गई। इसके आठ साल बाद 1993 में एक बार फिर टीम अजहरुद्दीन के नेतृत्व में वहां गई और सीरीज जीत कर आई। जीत का अंतर 1-0 रहा। इसके बाद चार और सीरीज खेली गई। 1997 और 2010 में सीरीज ड्रा रही जबकि 2001 और 2008 में जीत का सेहरा श्रीलंकाई टीम के सिर पर बंधा। अब कोहली के पास मौका है कि टीम को सीरीज में जीत दिलाए। यह श्रीलंका का सातवां दौरा है। श्रीलंका में सिर्फ एक बार ही सीरीज जीत सकी है टीम इंडिया वो भी 21 साल पहले।
कोहली का लक्ष्य निश्चित ही सीरीज जीतना है। अब अपने इस गेम प्लान से वो टीम को जीत दिला पाएंगे या नहीं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।