मणिपुर,(एजेंसी)09 जून। मणिपुर के चंदेल में हुए हमले की जिम्मेदारी भले ही उग्रवादी गुट एनएससीएन (खापलांग) ने ली हो, लेकिन हमले के पीछे चाइनीज सेना का हाथ होने का दावा किया गया है। सूत्रों के अनुसार, फोन इंटरसेप्ट और कॉल डिटेल के आधार पर यह बात सामने आई है कि हमला करने वाला उग्रवादी गुट चाइनीज पीपुल्स आर्मी के दाे अधिकारियों के संपर्क में था और उन्हीं के निर्देशों पर यह हमला किया गया जिसमें सेना के 18 जवान शहीद हुए थे।
हालांकि एनएससीएन (खापलांग) और केंद्र के बीच संघर्षविराम समझौता है लेकिन इसके बावजूद यह हमला कई सवाल खड़े करता है। चीनी सेना और उग्रवादी गुट के बीच साठगांठ की सूचना सुरक्षा अधिकारियों ने अप्रैल में विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और म्यांमार के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में दी थी।
उल्लेखनीय है कि एनएससीएन सरगना खापलांग और उल्फा सरगना परेश बरुआ दोनों ही टागा (म्यांमार) से रुली और कुन्मिंग (दोनों ही चीन के युन्नान प्रांत में) के बीच आते-जाते हैं और इसी इलाके से चीन की सेना के निर्देश समय-समय पर उग्रवादी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक फिलहाल दो दर्जन उग्रवादी गुट उत्तर-पूर्व के इलाकों में सक्रिय हैं और इनमें से ज्यादातर के कैंप म्यांमार के कचिन में हैं।