नई दिल्ली,एजेंसी-13 फरवरी। रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा बुधवार को लोकसभा में प्रस्तुत आगामी कारोबारी वर्ष के अंतरिम रेल बजट में यात्री या माल ढुलाई किराया नहीं बढ़ाया गया है। साथ ही 72 नई रेलगाड़ियां चलाने तथा पूर्वोत्तर के दो राज्यों को रेल नेटवर्क से जोड़ने की घोषणा की गई है। यह उनका प्रथम और वर्तमान संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार का आखिरी रेल बजट है। खड़गे ने किराया तय करने के लिए एक नया निकाय बनाने का वादा किया और कहा कि पूर्वी तथा पश्चिमी माल ढुलाई गलियारे पर काम अच्छी तरह से चल रहा है।
रेल मंत्री ने कुल मिलाकर 14 मिनट में अपने अंतरिम बजट भाषण का एक हिस्सा पढ़ा और उसके बाद अंतरिम रेल बजट तथा अगले कारोबारी साल के चार महीने के लिए लेखानुदान सहित अन्य संबंधित दस्तावेजों को सदन के पटल पर रख दिया। उन्होंने 72 नई रेलगाड़ियां शुरू करने की घोषणा की, जिसमें शामिल होंगी 17 प्रीमियम रेलगाड़ियां, 38 एक्सप्रेस रेलगाड़ियां, 10 पैसेंजर रेलगाड़ियां, चार उपनगरीय रेल सेवा और तीन मध्य दूरी की अंतरशहरी डीजल लोकोमोटिव।
उन्होंने कहा कि वित्तीय कठिनाइयों के बाद भी वर्तमान कारोबारी साल के लक्ष्य पूरे हो गए। उन्होंने कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में अरुणाचल प्रदेश और मेघालय को रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। अंतरिम रेल बजट में माल ढुलाई का लक्ष्य आगामी कारोबारी साल में 110 करोड़ टन रखा गया है, जो वर्तमान कारोबारी साल के संशोधित लक्ष्य से 4.97 करोड़ टन अधिक है। विद्युतीकरण के मामले में वर्तमान कारोबारी साल में 4,500 किलोमीटर मार्ग के लक्ष्य की जगह 4,556 किलोमीटर मार्ग का विद्युतीकरण पूरा हुआ। गेज दोहरीकरण भी 2,000 किलोमीटर के लक्ष्य की जगह 2,227 किलोमीटर पूरा हुआ।
उधमपुर-कटरा खंड पर सेवा जल्द शुरू होगी। इस सेवा से यात्री वैष्णो देवी के अधिकतम निकट तक पहुंच सकेंगे। उन्होंने कहा कि तीन नए कारखाने 2013-14 में शुरू हुए। ये हैं बिहार के छपरा जिले में रेल पहिया संयंत्र, उत्तर प्रदेश के रायबरेली में रेल कोच कारखाना और पश्चिम बंगाल के डानकुनी में डीजल कंपोनेंट कारखाना। उन्होंने कहा, “कश्मीर घाटी में विपरीत मौसमी परिस्थितियों के लिए विशेष रूप से तैयार कोच को रेलगाड़ियों में लगाया गया है। यही नहीं 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाले और अधिक भार उठाने में सक्षम जंग रोधी और हल्के वैगनों का भी विकास किया गया है।”
सुरक्षा के बारे में मंत्री ने कहा कि एक भी मानव रहित रेल फाटक शेष नहीं रहा। पैंट्री कार में खाना पकाने के लिए इंडक्शन आधारित चूल्हे का उपयोग शुरू किया गया है और रेल फाटकों पर आने वाली रेलगाड़ियों की जानकारी के लिए बेहतर ऑडियो-विडियो प्रणाली शुरू की गई है। मल्लिकार्जुन पिछले आठ महीने से ही रेल मंत्री हैं। उन्होंने रेल बजट प्रस्तुत करते हुए देश के सामाजिक आर्थिक विकास में रेलवे की भूमिका का बखान किया और कहा कि ढांचागत और वित्तीय संसाधन के अभाव के कारण यह कठिनाई से गुजर रहा है। उन्होंने कहा, “हमें रेलवे के लिए निवेश तथा अन्य जरूरतों पर अविलंब ध्यान देना चाहिए।”
भारतीय रेल दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी रेल प्रणाली है। यह रोजाना 2.3 करोड़ यात्रियों को सेवा देती है और 26.5 लाख टन माल ढुलाई करती है। रेलवे रोजाना 64 हजार किलोमीटर से लंबे रेलनेटवर्क पर 7,083 स्टेशनों से 12 हजार यात्री रेलगाड़ियों और 7,000 मालगाड़ियों का संचालन करती है। 14 लाख कर्मचारियों के साथ यह सबसे बड़ी रोजगार प्रदाताओं में भी शामिल है। उद्योग जगत ने अंतरिम रेल बजट पर विशेष प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन अगली सरकार आने पर पेश होने वाले पूर्ण रेल बजट में सुधार अपनाए जाने की उम्मीद की।
भारतीय उद्योग परिसंघ ने कहा, “कोष की समुचित उपलब्धता के लिए किराया ढांचे में सुधार, रेलवे में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति और संयुक्त उपक्रम तथा सार्वजनिक-निजी साझेदारी को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।” फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने स्वतंत्र रेल किराया प्राधिकरण गठित किए जाने का स्वागत किया। फिक्की ने कहा, “इससे भारतीय रेल के यात्री और माल ढुलाई खंड में पारदर्शी व्यवस्था अपनाने में मदद मिलेगी।”