नई दिल्ली,(एजेंसी)26 मई। स्विट्जरलैंड ने स्विस बैंकों में खाता रखने वाले विदेशी नागरिकों के नाम सार्वजनिक किये हैं जिनमें दो भारतीय महिला शामिल हैं। स्विटजरलैंड ने उन्हीं लोगों के नाम सार्वजनिक किए हैं जिनके खिलाफ उनके अपने (गृह) देशों में जांच चल रही है।
स्विटजरलैंड ने अपने सरकारी राजपत्र में इन लोगों के नाम सार्वजनिक किए हैं।
नामों को सार्वजनिक करते हुए स्विस फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफटीए) ने दोनों भारतीयों से कहा है कि अगर वे चाहती हैं कि उनके बारे में जानकारी भारतीय अधिकारियों के साथ साझा नहीं की जाए तो वे 30 दिन के भीतर फेडरल एडमिनिस्ट्रेटिव कोर्ट में अपील कर सकती हैं, हालांकि इसमें दो भारतीय नागरिकों स्नेह लता साहनी और संगीता साहनी की जन्म तारीख के अलावा कोई ब्योरा नहीं दिया गया है।
इसी प्रकार ब्रिटेन, स्पेन व रूस समेत अन्य देशों के विदेशी नागरिकों के नाम भी इसी रूप में सार्वजनिक किये गये हैं, हालांकि अमेरिकी तथा इस्राइली नागरिकों के संदर्भ में उनके पूरे नाम नहीं बताये गये हैं और केवल नाम के संकेत (इनीशिअल) और जन्म तिथि जारी किये गये हैं।
इस प्रकार के कम-से-कम 40 ‘अंतिम नोटिस’ इस महीने अब तक स्विस फेडरल राजपत्र (गजेट) में प्रकाशित किये गये हैं। इस प्रकार के कुछ और नाम सार्वजनिक किये जाने की संभावना है।
दो ‘भारतीय नागरिकों’ व अन्य के लिए नोटिस 12 मई को जारी किए गए। वहीं अन्य नोटिस 19 मई व पांच मई को जारी किए गए। इन नोटिसों के अनुसार सम्बद्ध व्यक्ति तीस दिन में फेडरल एडमिनिस्ट्रेटिव कोर्ट में अपील कर सकता। उसे अपने पक्ष में साक्ष्य भी पेश करने होंगे।
इन गजेट नोटिस के जरिए स्विस एफटीए सम्बद्ध व्यक्तियों को कानूनी उपाय का अवसर भी देना चाहता है। इन लोगों के बारे में विदेश सरकारें जानकारी देने का आग्रह कर रही थीं।
एक साप्ताहिक अखबार के अनुसार इस तरह के नोटिसों में शामिल नामों में ‘ कुछ जानी पहचानी हस्तियां’ भी शामिल हो सकती हैं। इसकी रपट के अनुसार बैंकों को इस तरह के ग्राहकों से संपर्क करने में कोई रचि नहीं है क्योंकि इनमें से अनेक के अब खाते ही नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि स्विटजरलैंड के आर्थिक मामलों के मंत्री जाहन श्नाइडर अम्मान ने 15 मई को भारत यात्रा के दौरान काले धन के खिलाफ भारत की लडाई में पूरा सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई थी। भारतीय संसद ने काले धन को लेकर एक नया कानून हाल ही में पारित किया है।