अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान से वापसी के बाद भारतीय मूल के प्रभावशाली सांसद राजा कृष्णामूर्ति ने कहा है कि अमेरिका को अफगानिस्तान में आंतकवाद के खिलाफ अपना अभियान जारी रखना चाहिए। इस अभियान में अमेरिका भारत के साथ मिलकर लड़ सकता है। दोनों देशों की कोशिश से हिंसाग्रस्त देश आतंकियों का पनाहगाह नहीं बन सकेगा। उन्होंने कहा कि यह इसलिये भी जरूरी है कि अफगानिस्तान में आइएसआइएस और अलकायदा जैसे संगठनों के पनपने का निरंतर खतरा बना हुआ है।
भारत और अमेरिका खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान, आतंकियों की जानकारी और उनकी साजिश को विफल करने जैसे कई कार्य आपसी समन्वय से कर सकते हैं। बता दें कि तीन बार के सांसद राजा कृष्णामूर्ति सीनेट में इंटेलीजेंस की सलेक्ट कमेटी के सदस्य हैं।
कृष्णामूर्ति ने सेना वापसी के निर्णय को सही बताते हुए कहा कि सैनिकों की वापसी की योजना बेहतर तरीके से बनाई जा सकती थी। अमेरिका जिस तरीके से पीछे हटा है, इसकी जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार को इस बात को देखना चाहिए कि अफगानिस्तान आतंकियों की फिर शरणस्थली न बन जाए, जैसा कि बीस साल पहले हुआ था।
ट्रंप बोले- पहले कभी नहीं हुई इतने बुरे हालात में युद्ध से वापसी
सैन्य अभियान को ऐसी स्थिति में खत्म करने को लेकर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार राष्ट्रपति बाइडन को निशाने पर ले चुके हैं। बीते दिन उन्होंने कहा था कि इतिहास गवाह है कि युद्ध के मैदान से अमेरिकी सेना की वापसी इतने बुरे हालात में पहले कभी नहीं हुई। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अब अफगानिस्तान में रह गए हमारे हथियार और उपकरणों को वापस लेने की मांग की जानी चाहिए, क्योंकि इन उपकरणों पर अरबों डालर हर अमेरिकी के पैसे से खर्च हुआ है।