लखनऊ,(एजेंसी)10 मई। मां..ये शब्द अपने आप में संपूर्ण हैं.. कहते हैं ना..कोई नारी तभी पूरी होती है जब वो मां बनती हैं। मां जिसके बिना हर कोई अधूरा है, बच्चा जब पैदा होता है, आंखें भी नहीं खोलता है, तब से लेकर जिंदगी की अंतिम सांस तक केवल मां ही होती है जो बच्चे को समझती है। तभी तो मां का कहना कोई टाल नहीं सकता है, फिल्मों से लेकर विज्ञापन तक हर जगह मां सक्सेसफूल है, हां वक्त बदला है आज की मां मार्डन हो चुकी है लेकिन उसकी महानता और मर्यादा दोनों अपनी जगह आज भी कायम हैं।
बदल रही हैं छोटे पर्दे की ‘सासू मां’
जिंदगी आज भाग रही है लोगो के पास अपने लिए ही समय नहीं है, हर चीज का विकल्प मार्केट में उपस्थित है, लेकिन शायद मां का कोई विकल्प हो ही नहीं सकता।
आज युवा पीढ़ी तरक्की के लिए अपने मां-बाप से दूर हो जाती है, मीलों दूर वो अपनों को छोड़कर चले आते हैं लेकिन जब थक कर बिस्तर पर पहुंचते हैं तो मां का ही सहलाना उन्हें याद आता है, बाजार के खाने में मां का ही खाना खोजते हैं यहां तक अगर गलती से कुछ अच्छा मिल जाता है तो उनके मुंह से यही निकलता है ये तो मां के खाने जैसा है, कहने का मतलब ये ही कि हर चीज मां जैसी हो सकती है पर वो मां नहीं हो सकती।
दुनिया में मां ही ऐसी है जिसे बदले में कुछ नहीं चाहिए होता है, उसका प्यार निस्वार्थ होता है, तभी तो हर लड़का अपनी बीवी में अपनी मां को खोजता है, उसी तरह का समपर्ण और प्यार की तलाश करता है जो उसे उसकी मां से मिलता है। तो दोस्तों देर किस बात की है, अगर आप अपनी मां के पास है तो तुरंत उनके पास जाईये और अगर नहीं हैं तो तुरंत फोन पर नंबर घूमाइये और बोलिये .. मां तुम ने मुझे ये जीवन दिया इसके लिए मैं बहुत शुक्रगुजार हूं, इसके बदले में मैं तु्म्हें कुछ नहीं दे सकता हूं लेकिन इतना वादा करता हूं कि तुम्हारे साथ जिंदगी का हर लम्हा जीऊंगा, तुम्हारे बुढ़ापे में तुम्हारी लाठी बनूंगा, आज का दिन भले ही तुम्हारा हो लेकिन गिफ्ट मैं तुमसे मांग रहा हूं कि तुम हमेशा मेरे साथ रहना, मुझे गलत-सही का रास्ता हमेशा तुम ही बताना, ताकि मैं जिंदगी की हर जंग जीत सकूं…आई लव यू मां… आई कांट लिव विदाउट यू…हैप्पी मदर्स डे।