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प्रदेशभर में 43293 स्टूडेंट्स ने प्राइवेट स्कूलों से सरकारी स्कूलों की तरफ किया रूख, पढ़े पूरी खबर


देशभर में कोरोना वायरस के मामले और लॉकडाउन की स्थिति के चलते 2020-21 के सेशन में पिछले वर्षों के मुकाबले प्राइवेट से सरकारी स्कूलों का रुख करने वाले छात्रों की संख्या में इजाफा हुआ है। स्कूलों की मनमानी फीस की डिमांड और अभिभावकों की खराब होती आर्थिक स्थिति के चलते सरकारी स्कूल स्टूडेंट्स के लिए एक बेहतर विकल्प बन रहे हैं। यही वजह है कि अप्रैल से जुलाई के बीच प्रदेश स्तर पर 43 हजार 293 स्टूडेंट्स ने प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूलों में एडमिशन ले लिया है।

जिसमें हिसार में हुए सबसे ज्यादा 3434 एडमिशन हुए हैं। जबकि गुड़गांव इस सूची में पांचवें स्थान पर रहा, यहां पर 2453 स्टूडेंट ने सरकारी स्कूलों में एडमिशन ले लिया। शिक्षा निदेशालय ने राज्य स्तर पर इन छात्रों की सूची जारी की है। वहीं अभिभावकों को भी कहा है कि वह अपने बच्चों को अभी भी सरकारी स्कूलों में मुफ्त दाखिला दिला सकते हैं। गुड़गांव के करीबी जिलों की बात करें तो फरीदाबाद 2074, रेवाड़ी 2122 , झज्जर 1502, नूंह 929, पलवल 1290 और सबसे कम एडमिशन चरखी दादरी में 546 हुए हैं।

सरकारी स्कूलों में आठवीं क्लास तक कोई फीस नहीं लगती

सरकारी स्कूलों में आठवीं क्लास तक फीस नहीं लगती, जबकि नौवीं से 12वीं कक्षा तक 700 रुपये सालाना फीस है। वहीं छात्रों को स्कॉलरशिप की राशि भी मिलती है। इस कारण लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में शिक्षा दिलाने का मन बना चुके हैं। अब सरकारी स्कूलों में पिछले साल की अपेक्षा छात्रों की संख्या बढ़ गई है। स्कूल खुलने पर आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

शुरुआत में स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट को लेकर निजी स्कूलों की ओर से काफी मनमानी की जा रही थी। लेकिन सरकार के दखल के बाद अब छात्र लगातार सरकारी स्कूलों में एडमिशन ले रहे हैं। वहीं बीते दिनों निजी स्कूलों की ओर से की जा रही इसकी डिमांड भी अभिभावकों को परेशान कर चुकी है।

अभी और छोड़ सकते हैं स्टूडेंट्स प्राइवेट स्कूल

कोरोना वायरस के कारण लगातार बढ़ रहे लॉकडाउन और स्कूल बंद होने की स्थिति में अभी और स्टूडेंट्स भी प्राइवेट स्कूलों को छोड़ सकते हैं। प्राइवेट स्कूल प्रबंधक फीस की मांग कर रहे हैं लेकिन पेरेंट्स फीस देने की स्थिति में नहीं है। जबकि स्कूल खोलने को लेकर अभी माहौल दिखाई नहीं दे रहा है। देश में करीब 14 लाख कोरोना पेशेंट हो चुके हैं, ऐसे में संभावना है कि अभी काफी स्टूडेंट्स प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में एडमिशन ले सकते हैं।

कोरोना काल के दौरान प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में एडमिशन ले लिया है। पिछले साल के मुकाबले यह संख्या इस बार काफी अधिक है। पहले के मुकाबले सरकारी स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन भी इसका एक मुख्य कारण है।
-रितु चौधरी, जिला परियोजना संयोजक, शिक्षा विभाग


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