नागरिकता कानून (CAA) के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई हिंसा के दौरान जान गंवाने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल का बुधवार को राजस्थान के सीकर में अंतिम संस्कार किया गया। 24 फरवरी को पत्थरबाजी के दौरान उनकी जान चली गई थी।
दिल्ली में हिंसा में मारे गए राजस्थान में सीकर जिले के रहने वाले हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल को केंद्र सरकार ने शहीद का दर्जा दिया है।
सीकर सांसद ने की मुआवजा देने की घोषणा
सीकर के सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने सीकर में यह जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली पुलिस में हेड कॉस्टेबल रतनलाल की पत्नी को सरकारी नौकरी, एक करोड़ रुपये और शहीद को मिलने वाले समस्त लाभ दिए जाएंगे।
इस मांग को लेकर शहीद के पैतृक गांव तिहावली में ग्रामीण कल से धरने पर बैठे थे। उधर इसी मांग को लेकर हजारों ग्रामीणों ने फतेहपुर मंडावा मार्ग अवरुद्ध कर दिया था।
अमित शाह ने लिखी थी रतनलाल की पत्नी को चिट्ठी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को दिल्ली में हुई हिंसा में मारे गए दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की पत्नी को मंगलवार को पत्र लिखकर अपना शोक संदेश भेजा और कहा कि पूरा देश इस दुख की घड़ी में बहादुर पुलिसकर्मी के परिवार के साथ है।
लाल की पत्नी पूनम देवी को लिखे पत्र में शाह ने कहा कि उन्होंने कर्तव्य निभाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। गृह मंत्री ने लिखा, ‘आपके बहादुर पति समर्पित पुलिसकर्मी थे जिन्होंने कठिन चुनौतियों का सामना किया। सच्चे सिपाही की तरह उन्होंने इस देश की सेवा के लिए सर्वोच्च कुर्बानी दी। मैं ईश्वर से आपको इस दुख और असमय क्षति को सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।’