संगमरमरी हुस्न ही नहीं है सिर्फ ताज, ये वो अक्स है जो एक बादशाह की मोहब्बत बयां करता है। जो ये बयां करता है कि मोहब्बत जिस्म से नहीं रूह से होती है। गर रूह से इश्क हो तो जिंदगी के बाद भी मोहब्बत निभाई जाती है।
इस फलसफे को जब अमेरिका के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ने समझा तो बस अचंभित ही रह गईं। ताज के प्रति अपनेे इस रोमांच को उन्होंने ट्वीटर पर साझा किया है। ताज की तस्वीरों के साथ उन्होंने लिखा है कि ताजमहल की भव्यता और सुंदरता प्रेरित करने वाली है।
इवांका का ताज के प्रति आकर्षण भ्रमण के दौरान भी साफ दिखाई दे रहा था। ताज का दीदार करते ही उनकी आंखों में एक चमक और लबों पर एक सवाल कि क्या कोई पति अपनी पत्नी से इतनी भी मोहब्बत कर सकता है। इस सवाल का जवाब अपने जीवन साथी की बांह थामे अंतर्मन में बस तलाशती ही रहीं और कभी ताज तो कभी अपने पति जेरेड को निहारती रहीं। हां बेशक साथ ले गईं तो एक ख्वाहिश दोबारा ताज का दीदार करने की।
सोमवार को अमेरिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पत्नी मेलानिया, बेटी इवांका और दामाद जेरेड कुश्नर के साथ ताज का दीदार करने आए थे। एक तरफ ताज रूमानियत में ट्रंप और मेलानिया खोए थे तो दूसरी ओर अपने पति के साथ इवांका मोहब्बत की मिसाल को देखने, समझने और आंखों में भरने का प्रयास कर रहींं थीं। इवांका की आंखों में चमक यूं तो खेरिया एयरपोर्ट पर विमान से उतरने के बाद यहां लोक संस्कृति को देखकर छा गई थी लेकिन इसमें इजाफा उस वक्त हुआ जब ताज के मेन आर्च से अंदर मीनार ए मोहब्बत का विहंगम दश्य देखा। सफेद और लाल लिबास में इवांका खुद भी किसी ताज से कम नहीं लग रही थीं लेकिन उनके चेहरे पर लालिमा आई ताज की खूबसूरती निहार कर। दर्जनों सवाल और हर सवाल का जवाब मिलने के बाद एक ही ख्वाहिश दोबारा आने की।
ताज, पति और इवांका
सोमवार का दिन यकीनन इवांका के लिए यादगार दिन रहा। तभी तो ताज परिसर में अपने पति के साथ बिताए हर पल को उन्होंने तस्वीरों में कैद किया। यूं तो आसपास फोटोग्राफर्स की कमी नहीं थी लेकिन इवांका अपने चेहरे पर सादगी भरी मुस्कान लिये खुद ही सेल्फी लेती रहीं।
आर्ट वर्क ने किया प्रभावित
इवांका और उनके पति को ताज का भ्रमण कराने के बाद गाइड कमल गुप्ता ने बताया कि रॉयल गेट पर पहुंचने के साथ ही इवांका ने अपने आईफोन से वीडियो बनाना शुरु कर किया था लेकिन मेन आर्च से अंदर प्रवेश करने के बाद वे ताज की खूबसूरती के आकर्षण में कैद हो गईं। ताज की दीवारों पर हो रही नक्काशी उन्हें बेदह प्रभावित कर रही थी। वो अचंभित थीं कि क्या मार्बल से भी इतनी भव्य और सुंदर इमारत बन सकती है। जब उन्हें ताज का इतिहास बताया गया तो उनका दूसरा सवाल था कि एक पति अपनी पत्नी की याद में इतनी अद्भुत निशानी कैसे बना सकता है।
तस्वीरों से ज्यादा खूबसूरत ताज
ताज को पहली बार हकीकत में देखने के बाद इंवाका ने कहा कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि तस्वीरों से अधिक ताजमहल वास्तव में खूबसूरत दिखता है। उन्होंने कहा कि जीवन में एक बार ताज का दीदार करनेे की हसरत थी जो अब पूरी हुई लेकिन इसे दोबारा देखने की इच्छा साथ लिये जा रही हैं। इवांका ने ताज के इतिहास के साथ इसे बनाने वाले कारीगरों के बारे में जानकारी ली। वो हैरान थीं कि महज 22 साल में इतनी भव्य इमारत कैसे बन सकती है।
प्रोटोकॉल के कारण मेन प्लेटफार्म तक ही गईं
प्रोटोकॉल के कारण इवांका मेन प्लेटफार्म से आगे नहीं जा सकीं। उनके अंदर मुख्य गुंबद में क्या है ये जानने की इच्छा बलवती थी। उन्होंने शाहजहां मुमताज की कब्रों के बारे में जानकारी लेकर ही तसल्ली की।
बोलीं थैंक्यू मोदी
ताज के दीदार के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए धन्यवाद भी कहा। वो प्रधानमंत्री के स्वागत सत्कार और ताज देखने का अवसर प्रदान करने के लिए उनकी शुक्रमंद थीं।