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36 और किसान हार गए ¨जिंदगी की जंग


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लखनऊ,(एजेंसी) 12 अप्रैल । प्रदेश में फसलों की बर्बादी से दुखी किसानों की मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। शनिवार को अलग-अलग जिलों में 36 किसानों ने दम तोड़ दिया। बांदा, चित्रकूट व महोब समेत बुंदेलखंड के कई जिलों में शनिवार शाम अचानक मौसम ने फिर करवट ली। तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी हुई। इससे फसल काट रहे किसान और सहम गए हैं।

फसल बर्बाद होने से जालौन के उरई निवासी रामस्वरूप व बांदा में कमासिन क्षेत्र के श्याम की मौत हो गई। कानपुर देहात के रसूलाबाद क्षेत्र के राम बहादुर ने खेत में ही दम तोड़ दिया। उन्नाव के बीघापुर क्षेत्र में किशन की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। जिले के ही पुरवा क्षेत्र के गांव तूरी में जगदीश की भी मौत हो गई। सुलतानपुर के करौंदी गांव में किसान राम अजोर चौहान ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। उन पर 75 हजार रुपये का कर्जा था। फैजाबाद में सोहावल क्षेत्र के किसान साहबलाल की सदमे से मौत हो गई। खेत में कम उपज से परेशान मऊ में दोहरीघाट क्षेत्र के किसान सत्यानंद राय ने दम तोड़ दिया। बाराबंकी में फसल बर्बाद होने से किसान हीरालाल ने दम तोड़ दिया।

मऊ के ही सरायलखंसी क्षेत्र के किसान देवनाथ दो दिन पहले मुंबई से लौटे थे। शनिवार सुबह जब वे खेत गए तो बर्बाद फसलों को देख हार्ट फेल हो गया। प्रतापगढ़ के मझिलहा गांव की गीता देवी अपने पति राम आसरे के साथ खेती करती थी। गेहूं की फसल बर्बाद होने से आहत गीता ने फांसी लगाकर जान दे दी। कुंडा के संग्रामगढ़ निवासी राम नरायन पटेल ने भी सदमे से दम तोड़ दिया। कौशांबी के चायल क्षेत्र के अर्जुन और पन्नोई निवासी बचई की शुक्रवार रात मौत हो गई। ब्रेनहेमरेज के शिकार कुशीनगर में खड्डा क्षेत्र के किसान मोहन कुशवाहा की गोरखपुर मेडिकल कालेज में मौत हो गई।

पश्चिम उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के महटौली गांव में किसान सुशील कुमार ने फसल बर्बाद होने पर शनिवार सुबह जहर खाकर जान दे दी। आगरा के किरावली क्षेत्र में गांव नगला खड़िया में महिला किसान केशवती, सदर के लालऊ गांव निवासी थान सिंह और पिढ़ौरा के गुर्जा शिवलाल गांव निवासी किसान शिवनाथ की सदमे से मौत हो गई। मथुरा के सुरीर के गांव हरनौल में किसान देवेंद्र और फीरोजाबाद के फरिहा में चुन्नी सिंह भी दुख सहन नहीं कर पाए। मैनपुरी के नगला गुरुबक्श गांव में गोरेलाल गेहूं और सीतापुर में राजेंद्र सिंह की सदमे से मौत हो गई। सम्भल के चंदौसी के गांव बेरीखेड़ा के प्रेमपाल, असमोली निवासी शिवप्रसाद और धनारी के गढ़ा गांव निवासी शोभाराम भी फसल तबाही का दर्द झेल नहीं पाए।

बरेली में नवाबगंज के गांव बिहारीपुर पिस्तौर के किसान टोडीलाल, शाहजहांपुर के जैतीपुर क्षेत्र के गांव खेड़ा बझेड़ा के बनवानी और अल्हागंज निवासी किसान जयसिंह की सदमे से मौत हो गई। बदायूं के बिनावर क्षेत्र के किसान धनपाल भी नहीं रहे। मुजफ्फरनगर में शाहपुर निवासी सुखबीर और भौराकलां क्षेत्र के खेमचंद की सदमे में मौत हो गई। बुलंदशहर के पहासू क्षेत्र के भंवर ¨सह और हापुड़ के गढ़ क्षेत्र के सत्येंद्र की दिल का दौरान पड़ने से मौत हो गई। मेरठ में हस्तिनापुर के मनोज ने भी दम तोड़ दिया। उधर, सहारनपुर में बड़गांव क्षेत्र के गांव रामनगर निवासी किसान श्रीपाल ने जहर खा लिया। उनकी हालत गंभीर है। परिवार के मुताबिक उन पर करीब आठ लाख रुपये का कर्ज है।

किसानों ने रोका प्रमुख सचिव का रास्ता
आगरा में प्रमुख सचिव राजस्व सुरेश चंद्रा ने शनिवार को किरावली तहसील के अगनपुरा, छह पोखर, अरुवाखास गांवों का निरीक्षण किया। किरावली मार्ग पर बड़ी संख्या में किसानों ने उनका रास्ता रोक लिया। उन्होंने लेखपालों द्वारा फसलों के नुकसान के जायजे के लिए न आने की शिकायत प्रमुख सचिव से की।


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