नई दिल्ली [ जेएनएन ] । केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) दसवीं कक्षा के गणित व बारहवीं कक्षा के अर्थशास्त्र विषय का प्रश्नपत्र लीक मामले में क्राइम ब्रांच की जांच का दायरा जैसे-जैसे बढ़ रहा है वैसे-वैसे कई नए तथ्य सामने आ रहे हैं। पूछताछ में पता चला कि कुछ परिजनों ने पेपर के लिए 35 हजार खर्च किए थे। हालांकि बाद में बाजार में लीक पेपर 500-500 रुपये उपलब्ध हो गए थे।
पुलिस जांच में पता चला है कि सीबीएसई के लीक पेपर 10 व्हाट्स एप ग्रुप में शेयर किए गए थे। सभी ग्रुप दिल्ली और एनसीआर से संचालित किए जा रहे थे। प्रत्येक ग्रुप में 50 से 60 सदस्य हैं। वहीं, गणित व बारहवीं कक्षा के अर्थशास्त्र विषय के लीक प्रश्नपत्र एक हजार से ज्यादा लोगों तक पहुंचे थे। पुलिस उन तमाम व्हाट्स एप ग्रुप के संचालक सहित सदस्यों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
उधर, अपराध शाखा की एसआइटी की टीम ने शुक्रवार को दोबारा से ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर चलाने वाले विक्की व अन्य ट्यूटर सहित 10 छात्र और उनके परिजनों से पूछताछ की गई। बृहस्पतिवार को भी पुलिस ने विक्की से पूछताछ की थी। पूछताछ किए जाने वालों में कुछ ऐसे भी छात्र थे जो व्हाट्स एप ग्रुप के सदस्य थे।
पेपर लीक मामले का मुख्य संदिग्ध विद्या कोचिंग सेंटर का मालिक विक्की अपने सेंटर में दसवीं 12वीं के छात्रों को गणित व अर्थशास्त्र पढ़ाता है। उसने 1996 में डीयू के एक कॉलेज से बीकॉम किया हुआ है। पिछले दस सालों से वह कोचिंग सेंटर चला रहा है।
हालांकि इतने लोगों से पूछताछ के बावजूद पुलिस को ज्यादा कुछ हासिल नहीं हो सका। दरअसल पीपर लीक मामला इतना उलझा हुआ है कि पुलिस अभी तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। दो दिन बाद भी पुलिस को इस मामले में कोई पुख्ता साबूत हासिल नहीं हुआ है। इसका नतीजा है कि पुलिस की पूछताछ अगले कई दिनों तक जारी रह सकती है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार देर शाम तक एसआइटी की एक टीम सीबीएसई कार्यालय में अधिकारियों से पूछताछ में जुटी थी। इस दौरान पुलिस ने वहां कार्यरत कर्मियों से भी अधिकारी और कर्मियों के विभागीय कार्यों के बारे में जानकारी हासिल की।
जांच के दौरान सीबीएसई के क्षेत्रिय निदेशक ने माना कि पेपर से पहले और इस दौरान पेपर लीक संबंधी उन्हें छह शिकायतें उन्हें अब तक मिल चुकी है, जिन्हें एसआइटी को प्रेषित कर दिया गया है।
ज्ञात हो कि पुलिस ने बृहस्पतिवार को पेपर लीक मामले में सीबीएसई के चेयरमैन के अलावा 18 छात्र समेत कुल 25 लोगों से पूछताछ की थी। इनमें 11 विभिन्न स्कूलों के छात्र, 7 विभिन्न कॉलेजों के छात्र, पांच ट्यूटर व दो अन्य लोग शामिल हैं।
पूछताछ में छात्रों ने कबूला था कि 10वीं के गणित व 12वीं के अर्थशास्त्र विषय के प्रश्न पत्र परीक्षा शुरू होने से 24 घंटे पहले लीक हो गए थे। गणित के प्रश्नपत्र वाले दिन से 24 घंटे पहले देव नारायण नाम के व्यक्ति ने सीबीएसई चेयरमैन को ई मेल कर पेपर लीक होने की सूचना दी थी।
मेल में हाथ से लिखे 12 पेज में हाथ से लिखे गणित के प्रश्नपत्र अटैच थे। मेल करने वाले ने लिखा था कि गणित का प्रश्न पत्र व्हाट्स एप ग्रुप पर घुम रहे हैं। इसलिए कृपया गणित के पेपर रद कर दें। इस मेल के बाद में क्षेत्रीय कार्यालय भेज दिया गया था।
इसके बाद क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारी ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी। दूसरे दिन हू बहू मेल वाले प्रश्न पत्र आने का बाद अधिकारी अवाक रह गए थे। वहीं, इसकी शिकायत पुलिस में की गई थी। अपराध शाखा ने सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक की शिकायत पर 27 मार्च और 28 मार्च को दो मुकदमें दर्ज किए थे।