लखनऊ, मो इरफ़ान शाहिद – खबर इंडिया नेटवर्क । हज़ार कोशिशों के बावजूद भी समाजवादी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में माफिया डीपी यादव की ‘इंट्री’ रोककर राजनीति में शुचिता की जो उम्मीद जगाई थी, माफिया अतीक अहमद को सुल्तानपुर से लोकसभा से टिकट देने वह धूमिल हुई। सत्तारुढ़ सपा ने ऐसे समय अतीक अहमद को उम्मीदवार घोषित किया है, जब लखनऊ मध्य और टाडा के उसके विधायक कानून के घेरे में हैं और पार्टी इन्हें लेकर खासी दुश्वारी में है।
उप्र विधानसभा चुनाव के तकरीबन दो वर्ष बाद लोकसभा चुनावों की आहट के साथ सपा ने दागी छवि के अतीक को न सिर्फ पार्टी में शामिल किया, सुल्तानपुर संसदीय क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी शकील का टिकट काटकर अतीक अहमद को प्रत्याशी घोषित कर दिया। अतीक पर मुकदमों की लंबी फेहरिस्त है। वर्ष 2006 में इलाहाबाद में मदरसा दुराचार काण्ड में उनके भाई की नामजदगी के बाद से वह कोई चुनाव नहीं जीत पाए हैं।
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