जम्मू/श्रीनगर,एजेंसी-21 जुलाई। जम्मू एवं कश्मीर में सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) और इसकी सहयोगी कांग्रेस के बीच छह वर्ष पुराना गठबंधन राज्य में विधानसभा चुनाव होने से पहले ही टूट गया. दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ेंगी.
रविवार को यह ऐलान कर दिया गया. कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी और सैफुद्दीन सोज ने जम्मू में संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी किसी के साथ गठबंधन किए बगैर विधानसभा चुनाव में उतरेगी, वहीं नेशनल कान्फ्रेंस की तरफ से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 10 दिन पहल ही बता दिया था कि चुनाव में उनकी पार्टी कांग्रेस का साथ नहीं देने जा रही है.
गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सैफुद्दीन सोज ने यहां कहा कि पार्टी सभी 87 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.
आजाद ने मीडिया से कहा, “गठबंधन की राजनीति हमेशा दबाव की राजनीति होती है और इसलिए हमने अगले विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन न करने का फैसला लिया है.”
उन्होंने हालांकि कहा कि कांग्रेस कश्मीर घाटी में तीन पार्टियों हकीम मुहम्मद यासीन की पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ), गुलाम हसन मीर की डेमोक्रेटिक पार्टी-नेशनलिस्ट (डीपीएन) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के साथ चुनावी समझौता करेगी.
पूर्व मुख्यमंत्री आजाद ने कहा कि कई पार्टी कार्यकर्ताओं ने शनिवार को उमर अब्दुल्ला नीत सरकार में कुछ कांग्रेस मंत्रियों के प्रति नाराजगी जाहिर की थी.
अंबिका सोनी ने कहा कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा निर्वाचित सदस्य और हाईकमान आपसी सहमति से करेंगे, लेकिन अभी नहीं, चुनाव के बाद.
87 सदस्यीय जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में नेशनल कान्फ्रेंस के पास 28 विधायक हैं और कांग्रेस के पास 17 विधायक हैं. मुख्य विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के पास 21, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास 11 और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, पैथर्स पार्टी और निर्दलीय विधायकों की संख्या 10 है.
राज्य में इस वर्ष के अंत में राज्य विधानसभा का चुनाव कराया जाना है.
उमर ने ट्विटर पर लिखा, “मैंने 10 दिन पहले सोनिया से मुलाकात कर उनके समर्थन के लिए आभार जताया था. मैंने पार्टी के राज्य में अकेले लड़ने के फैसले की बात उन्हें बताई थी.”
उन्होंने कहा, “मैंने वजह बताई, साथ ही यह भी बताया कि मैं इसकी कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं करूंगा क्योंकि मैं अवसरवादी नहीं दिखना चाहता.”
उमर ने कहा, “गठबंधन से अलग होने का फैसला हमारा है, इसे कांग्रेस के फैसले के रूप में देखना गलत होगा. कृपया सच को गलत तरीके से न पेश किया जाए.”