पटना, एजेंसी-21 जुलाई। बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने रविवार को कहा कि बेहतर प्रदर्शन और काम करने वाले के लिए एक वर्ष का समय कम नहीं होता है। उन्होंने इसके लिए 16वीं सदी में बिहार से उभरे अफगान शासक शेरशाह सूरी का उदाहरण दिया जिन्हें आज भी अपने अल्प कार्यकाल के दौरान किए गए जनोपयोगी विकास और उल्लेखनीय सुधारों के लिए जाना जाता है। एक कार्यक्रम में यहां मांझी ने अगले वर्ष 2015 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव को लक्ष्य कर कहा, “एक वर्ष का समय मेरे लिए काम करने और एक यादगार मुख्यमंत्री के रूप में खुद को साबित के लिहाज से कम नहीं है।”
मांझी ने कहा कि मुगलों को पराजित करने वाले शेरशाह सूरी का देश पर कम समय के लिए ही शासन रहा, लेकिन उन्होंने विकास और शासन को अपना एजेंडा बनाया था।
उन्होंने कहा, “शेरशाह को आज भी हम सभी विकास के काम के लिए याद करते हैं।”
मांझी (68) मई में नीतीश कुमार के इस्तीफा देने के बाद नए मुख्यमंत्री बने। लोकसभा चुनाव जनता दल-युनाइटेड की पराजय के बाद नीतीश ने इस्तीफा दे दिया था।
कुछ वर्ष पहले नीतीश कुमार ने भी कहा था कि उन्होंने शेरशाह सूरी से प्रेरणा ग्रहण की है।
शेरशाह सूरी (1472-1545) शेर खान के नाम से जाने जाते थे। मुगलों को परास्त कर वे देश के शासक बने और शेरशाह कहलाए। उनका शासनकाल हालांकि अत्यंत कम समय (1539 से 1545) के लिए ही रहा फिर भी बुनियादी ढांचा क्षेत्र में उनके कई काम लोगों के दिलो दिगाम पर अमिट छाप की तरह अंकित है और इतिहास में सम्मानित जगह दर्ज है। पेशावर से कलकत्ता (अब कोलकाता) तक आज का ग्रैंड ट्रंक रोड उनकी देन है। इसके अलावा भारत में प्रारंभिक डाक व्यवस्था सहित कर प्रणाली में सुधारों के लिए जाना जाता है।
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