अहमदाबाद,(एजेंसी)26 अगस्त। प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात के कई शहर आरक्षण के नाम पर हिंसा के हवाले हो गए। अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण की मांग पर पाटीदार यानी पटेल समुदाय की महारैली में लाखों लोगों की भीड़ के बीच उनके नेता हार्दिक पटेल ने पहले अपने भाषण से आग उगली। शाम होते-होते हार्दिक की गिरफ्तारी और रिहाई के बीच आंदोलनकारी हिंसा पर उतर आए।
उन्होंने ना सिर्फ वाहनों को आग लगाई बल्कि गृह राज्यमंत्री रजनी पटेल के घर को भी जला दिया और स्वास्थ्य मंत्री व मेहसाणा के सांसद के घर पर पथराव किया। इससे पूर्व हार्दिक ने गुजरात सरकार को चेतावनी दी कि आरक्षण नहीं मिला तो 2017 विधानसभा चुनाव में कमल नहीं खिलेगा। उन्होंने आज प्रदेश भर में बंद का आह्वान किया है।
बंद को देखते हुए प्रशासन ने एहतियात के ताैर पर अहमदाबाद, सूरत, मेहसाणा कपोदरा, राजकोट जिले के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है और टेलीफोन व इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। अहमदाबाद में 13 साल बाद कर्फ्यू लगा है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सेना को बुलाया गया है। सेना जल्द ही हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में पहुंचने वाली है।
इस बीच, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल से फाेन पर बात की तथा राज्य में कानून व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने राज्य सरकार को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। गृह मंत्रालय लगातार गुजरात सरकार के संपर्क में है। राज्य के अतिरिक्त बल को रवाना कर दिया गया है।
सूरत में आज डायमंड बाजार बंद रहेंगे। इसके साथ ही राजकोट में स्कूल और कॉलेजों काे बंद कर दिया गया है। कपोदरा और सरथाना में हिंसा के बाद आज एतहितयात के तौर पर कर्फ्यू लगा दिया गया है।
मंगलवार की सुबह नारों और धमकियों से शुरू हुई महारैली शाम होते-होते हिंसक हो गई। अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान से पाटीदारों के 22 वर्षीय नेता हार्दिक पटेल ने कहा, ‘अगर सड़क पर उतर कर अधिकारों की मांग कर रहे युवाओं की मांगें पूरी नहीं हुई तो उनमें से कुछ नक्सली और कुछ आतंकी बन सकते हैं।’ हार्दिक को जबरदस्ती उठाने व पुलिस के लाठीचार्ज से नाराज पाटीदारों ने गुजरात भर में हिंसा व आगजनी की।
गांधीनगर, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत में 20 स्थलों पर बसें जलाने व 50 से अधिक मोटर साइकिल को आग के हवाले कर दिया। मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के विधानसभा क्षेत्र घाटलोडिया, गोता में बसें जलाई गईं जबकि राणिप, न्यू राणिप, गोता, वाडज, साबरमती, वालीनाथ चौक व सौराष्ट्र व वडोदरा में कई स्थानों पर हिंसा की घटनाएं हुईं। जीएसटी पर रेलवे पटरियां उखाडऩे की कोशिश हुई व रेलिंग को तोड़ा गया।
सीएम के गृह जनपद मेहसाणा में कफ्र्यू लगाना पड़ा। सूरत में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। यहां भी दो थाना क्षेत्रों में कफ्र्यू है। गुजरात पुलिस का कहना है कि सभा करने के लिए समिति को शाम छह बजे तक मैदान दिया गया था। इसलिए देर शाम हार्दिक तथा उनके छह साथियों को पुलिस हिरासत में लेकर क्राइम ब्रांच ले गई थी।
मोदी व केजरी से सीखा आंदोलन करना
इससे पूर्व, हार्दिक पटेल ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी पाटीदार ही हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के जरिये आंदोलन खड़ा करने का गुर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीखा है जबकि इसे सफल बनाने की सीख दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिली है। उन्होने कहा, वे समाज के पिछड़ों के लिए लड़ेंगे और कभी राजनीति में नहीं जाएंगे।
गुजरात सरकार की आपात बैठक
दिन में मुख्यमंत्री आनंदीबेन के सरकारी आवास पर पाटीदार आंदोलन पर आपात बैठक हुई। जिसमें सरकार ने पाटीदार सभा स्थल पर मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के 24 घंटे में खुद आकर आरक्षण का वादा करने की हार्दिक पटेल की मांग को ठुकरा दिया। सीएम आवास व मंत्री आवास की सुरक्षा बीएसएफ के हवाले की गई है।
मूलत: उत्तर प्रदेश के हैं पाटीदार
गुजरात का पाटीदार पटेल समुदाय मूल रूप से उत्तर प्रदेश का है जो कई दशकों पहले पशुपालन व खेती के लिए गुजरात में आकर बस गया था। पटेल समाज के दो प्रमुख समुदाय लेउवा व कडवा हैं। लेउवा खुद को भगवान राम के पुत्र लव के जबकि कडवा खुद को कुश का वंशज मानते हैं। गुजरात में इनकी आबादी डेढ़ करोड़ से अधिक है। मुख्यमंत्री आनंदीबेन खुद मेहसाणा के कडवा पाटीदार समुदाय से हैं जबकि उनके पति प्रो. मफतभाई पटेल लेउवा पटेल हैं।
‘अगर सड़क पर उतर कर अधिकारों की मांग कर रहे युवाओं की मांगें पूरी नहीं हुई तो उनमें से कुछ नक्सली और कुछ आतंकी बन सकते हैं।’ -हार्दिक पटेल, पाटीदार समाज के नेता
‘पटेल समुदाय के लोग शांति बनाए रखें। पुलिस की कार्रवाई पर खेद है। जांच में दोषी पाए लोगों पर कार्रवाई होगी।’ -आनंदीबेन पटेल, गुजरात की मुख्यमंत्री