नई दिल्ली,(एजेंसी)03 अगस्त। संसद के दोनों सदनों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्केंडेय काटजू के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फली एस नारीमन को एमाक्स क्यूरी नियुक्त किया है। काटजू द्वारा महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस पर की गई अशोभनीय टिप्पणी के बाद दोनों सदनों में उनके खिलाफ प्रस्ताव पास किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संसद के निंदा प्रस्ताव पारित करने से जस्टिस काटजू के अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का हनन नही हुआ। कोर्ट ने जस्टिस काटजू की याचिका पर बहस के लिए वरिष्ठ वकील फली नारीमन को एमाक्स क्यूरी नियुक्त किया है।
मामले में टिप्पणी करते हुए कोर्ट का कहना था कि काटजू के खिलाफ संसद का निंदा प्रस्ताव मानहानि या प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचने वाला नहीं है। अगर कोई व्यक्ति अपने विचार ब्लाग या किसी अन्य तरीके से सावर्जनिक करता है तो उसे दूसरों की असहमति के लिए भी तैयार रहना चाहिए। याचिका में काटजू ने कहा है कि प्रस्ताव से पहले उन्हे नहीं सुना गया।
अपने खिलाफ प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद काटजू ने फेसबुक पर अपनी एक पोस्ट में कहा कि संसद में उनके खिलाफ फैसला उन्हें सुनवाई का एक भी मौका दिए बगैर सुनाया गया। भारतीय प्रेस परिषद के पूर्व अध्यक्ष काटजू ने अपने आपत्तिजनक बयान वाली फेसबुक पोस्ट की प्रति भी अपनी याचिका के साथ संलग्न की है।