Thursday , 21 November 2024
Home >> U.P. >> पुलिस से बचने के लिए वकील की वेशभूषा में अपराधी को सरेंडर कराना पड़ सकता है भारी

पुलिस से बचने के लिए वकील की वेशभूषा में अपराधी को सरेंडर कराना पड़ सकता है भारी


पुलिस से बचने के लिए वकील की वेशभूषा बनाकर कोर्ट में सरेंडर करना तो अब आम बात हो गई है। पुलिस से बचने के लिए कचहरी में अपराधी इसी तरह सरेंडर कर रहे हैं, यह अधिवक्ताओं की मदद के बिना नहीं होता है। अब इसपर लगाम लगने के लिए यूपी बार कांउसिल और बार एसोसिएशन ने सख्ती दिखाई है। यूपी बार काउंसिल ने अपराधियों की मदद करने वाले अधिवक्ताओं पर कार्रवाई करने की बात कही। ऐसे मामलों पर यूपी बार काउंसिल शिकायतों के साथ ही स्वत: संज्ञान लेगी। पदाधिकारियों के मुताबिक यह एडवोकेट एक्ट की धारा 35 के तहत प्रोफेशनल मिसकंडक्ट (व्यावसायिक कदाचार) की श्रेणी में आता है, इसलिए ऐसे मामलों में कार्रवाई हो सकती है।

मामले, जिनमें वकीलों के पहनवाए में आए अपराधी

केस एक : जय कांत बाजपेयी के भाइयों ने कोर्ट में वकीलों की वेशभूषा में सरेंडर किया। ऐसा करने से वह पुलिस की नजरों में धूल झोंकने में कामयाब हो गए।

केस दो : ड्रग माफिया बच्चा भी वकीलों की वेशभूषा में सरेंडर के लिए कोर्ट में पहुंचा। पुलिस उसे अरसे से ढूंढ रही थी। उसके भाई ने भी इसी तरह आत्मसमर्पण किया था।

क्या कहते हैं पदाधिकारी

  • अपराधियों की मदद करना साफ तौर पर व्यावसायिक कदाचार है। ऐसे मामलों पर स्वत: संज्ञान लेकर अधिवक्ता अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। -अंकज मिश्रा, उपाध्यक्ष यूपी बार काउंसिल
  • कुछ अधिवक्ता हैं जो पेशे को कलंकित कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। वकालत कर रहे अधिवक्ताओं को मुखर होकर विरोध करना होगा। -श्यामजी श्रीवास्तव, अध्यक्ष बार एसोसिएशन
  • इस प्रकार का कृत्य करने वालों को अधिवक्ता रहने का अधिकार नहीं है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी ही चाहिए। -दिनेश कुमार शुक्ला, अध्यक्ष लॉयर्स एसोसिएशन

Check Also

लखनऊ के हजरतगंज में रहने वाले एक डॉक्‍टर के घर पर साल भर से चोरी कर रहा था नौकर, ऐसे खुली पोल

हजरतगंज के पाश इलाके में रहने वाले एक डॉक्‍टर के घर उनका नौकर ही काफी …