मोदी ने की शरीफ से बात
नई दिल्ली, पाकिस्तान,(एजेंसी)17 दिसंबर । पाकिस्तान के पेशावर में हुए खौफनाक वारदात के बारे में नवाज शरीफ ने बुधवार दोपहर कहा कि वे अपने देश में आतंक का खात्मा करके रहेंगे। उन्होंने पाकिस्तान में फांसी की सजा पर रोक खत्म किए जाने का ऐलान किया।
नवाज शरीफ ने कहा, ‘सेना आतंक को खत्म करने में कामयाब रहेगी।’ वारदात पर अफसोस जाहिर करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘देश में इससे बड़ा आतंकी मंजर नहीं हो सकता है।’
पाकिस्तान के पेशावर में आतंकी हमले में मारे गए बच्चों को भारत के कई शहरों में श्रद्धांजलि दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर बुधवार सुबह जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में स्कूली बच्चों ने 2 मिनट का मौन रखा। उधर, लोकसभा और राज्यसभा में पेशावर में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि दी गई।आतंकी हमले के खिलाफ लोकसभा में निंदा प्रस्ताव लाया गया, जिसे मंजूर कर लिया गया।
कई कंपनियों ने पेशावर के लिए रोकी उड़ान
पेशावर में आतंकियों की ओर से खून की होली खेलने के बाद इंटरनेशनल एयरलाइंस कंपनियों ने पेशावर के लिए उड़ानें रोक दी हैं।कंपनियों ने अपने इस फैसले के बाबत सिविल एविऐशन अथॉरिटी को अवगत करा दिया है।
पाकिस्तान के पेशावर में आतंक का जो वीभत्स चेहरा दिखा, उसने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। आतंकियों ने स्कूल में घुसकर 100 से ज्यादा स्कूली बच्चों के खून से होली खेली। इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान नाम के संगठन ने ली है। पाकिस्तान का दर्द साझा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से फोन पर बात की और गहरी संवेदना प्रकट की। उधर, शरीफ ने पेशावर हमले के मद्देनजर बुधवार को सवर्दलीय बैठक बुलाई है।
मोदी ने ट्विटर के जरिए इस बातचीत का ब्यौरा दिया। उन्होंने देश के सभी स्कूलों से अपील की है कि वे बुधवार को ‘एकजुटता प्रकट करते हुए’ दो मिनट का मौन रखें। मोदी ने ट्वीट्स किएः
प्रधानमंत्री ने शरीफ से कहा,‘इस भयावह त्रासदी ने दुनिया की चेतना को झकझोर दिया है और साझा दर्द और दुख की यह घड़ी दोनों देशों और मानवता में विश्वास करने वालों के लिए यह आह्वान है कि वे आतंकवाद को निर्णायक ढंग से और पूरी तरह पराजित करने के लिए हाथ मिलाएं ताकि पाकिस्तान, भारत और दूसरी जगहों पर बच्चों का भविष्य आतंकवाद के साये के कारण अंधकार में न पड़े।