पेशावर,(एजेंसी)17 दिसंबर । पेशावर स्थित एक सैन्य स्कूल में हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद पूरे पाकिस्तान में शोक की लहर है। इस जघन्य और घोर निंदनीय घटना की पूरे दुनिया में भर्त्सना की जा रही है। गौर हो कि भारी हथियारों से लैस तालिबानी आत्मघाती हमलावरों ने मंगलवार को यहां एक सैन्य स्कूल में घुसकर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं, जिसमें 141 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में ज्यादातर स्कूली बच्चे हैं। इस घटना में दो सौ से अधिक लोग घायल भी हुए हैं। इस घटना के मद्देनजर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। जिसमें आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। सर्वदलीय बैठक में आतंकवाद के खिलाफ जंग के लिए सभी दल नए सिरे से अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करेंगे। स्कूली बच्चों की निर्मम हत्या को लेकर पूरे पाकिस्तान में मातम छाया हुआ है और विभिन्न शहरों में इस अत्यंत दुखद घटना को लेकर शोक व्यक्त किया जा रहा है।
उधर, व्हाइट हाउस ने कहा है कि पेशावर के एक स्कूल में हुए जघन्य आतंकी हमले के मद्देनजर मदद की पेशकश करते हुए अमेरिका पाकिस्तानी सरकार के साथ संपर्क में बना हुआ है। वहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर के स्कूलों से अपील की कि वे बुधवार को इस भयावह हमले के मद्देनजर एकजुटता प्रकट करते हुए दो मिनट का मौन रखें। हाल के वर्षों में बच्चों के खिलाफ दुनियाभर में अब तक के सबसे बर्बर हमलों में से एक हमले में, आतंकवादियों ने कक्षाओं में घुसकर छात्रों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं।
इस जघन्य घटना के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पेशावर स्थित आर्मी स्कूल में आतंकी हमले को ‘कायराना हरकत’ करार देते हुए कहा कि यह जघन्य घटना उनकी सरकार को तालिबान के खिलाफ सैन्य अभियान चलाने से नहीं रोक पाएगी।
अर्धसैनिक फ्रंटियर कोर की वर्दी पहनकर आए आठ से दस अरबी भाषी हमलावर सुबह साढे दस बजे (स्थानीय समय) वरसाक रोड स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल में घुस गए और उन्होंने सबसे बर्बर में से एक हमले में कक्षाओं में बारी बारी से जाकर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं और मासूमों की हत्या कर दी।
सेना के मुख्य प्रवक्ता मेजर जनरल आसिम बाजवा ने संवाददाताओं को बताया कि मारे गए 141 लोगों में 132 बच्चे हैं। स्कूल के नौ कर्मचारी भी शामिल हैं। कुल 130 लोग घायल हुए हैं जिनमें 118 छात्र, तीन कर्मचारी, सात एसएसजी सैनिक और दो अधिकारी शामिल हैं। बाजवा ने कहा कि 960 बच्चों और कर्मचारियों को बचाया गया है।
इससे पहले, खबरों में कहा गया था कि मरने वालों की संख्या 160 है लेकिन बाद में इसे कम किया गया। आठ घंटे से अधिक समय तक चले गतिरोध के दौरान आतंकवादियों ने शिक्षकों और स्कूल के प्रधानाचार्य सहित कई लोगों को बंधक बनाकर मानवीय ढाल के रूप में प्रयोग किया। हमले में सभी छह आतंकवादी मारे गये जिसमें से चार ने खुद को बम से उड़ा लिया।
हाल के वर्षों के इस सबसे खूनी हमले की जिम्मेदारी तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान ने ली। तालिबान के प्रवक्ता ने दावा किया कि उसके छह आत्मघाती हमलावरों ने सैन्य स्कूल पर हमला किया। उन्होंने कहा कि यह पेशावर के करीब उत्तरी वजीरिस्तान कबाइली क्षेत्र में आतंकवादियों के खिलाफ सेना के अभियान का बदला है।
उधर, नवाज शरीफ ने कहा कि जर्ब-ए-अज्ब अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक मुल्क से आतंकवाद का पूरी तरह खात्मा नहीं हो जाता। हमने आतंकवाद की समस्या का मिलकर मुकाबला करने के लिए अफगानिस्तान से बात की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं आतंकवाद को परास्त करने से जुड़े सरकार के प्रयास को कमतर नहीं कर पाएंगी। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद को हराने के हमारे संकल्प को लेकर किसी तरह की कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। इस तरह की वारदात से हमारा संकल्प कमजोर नहीं होने वाला है। यह कायराना करतूत है। आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए मुल्क को एकजुट हो जाना चाहिए। लोगों में कोई मतभेद नहीं होना चाहिए। लोगों को अपनी एकजुटता को साबित करना चाहिए और इसको लेकर किसी तरह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। शरीफ ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक दौर में पहुंच चुकी है और अवाम को इन अभियानों की कामयाबी के लिए दुआ और सहयोग करना चाहिए। वहीं, सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ भी स्थिति पर नजर रखने के लिए पेशावर में हैं।
विश्वभर के नेताओं ने इस हमले की निंदा की और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इसे ‘राष्ट्रीय त्रासदी’ करार दिया और पेशावर में सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस जघन्य आतंकी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान में तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी शोक की घोषणा की गई है।