लखनऊ ,(एजेंसी) 25 नवम्बर । शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधान सभा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी के ‘हक’ को लेकर गरमा गई। एसपी सरकार की खिंचाई करते हुए मुलायम के बयान को बीजेपी ने मुद्दा बनाया, तो जवाब में संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने कहा कि दिल्ली के बादशाह की मलिका स्कूटर पर बैठ पत्रकारों से न्याय मांग रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘जो बादशाह अपनी मलिका को न्याय नहीं दे सकता उस पर करोड़ों महिलाएं कैसे भरोसा करें?’ आजम के बयान से भड़के बीजेपी के विधायकों ने वेल में आकर हंगामा और नारेबाजी की।
बीजेपी ने लोक महत्व के विषय के तहत 23 नवंबर को आगरा एक्सप्रेस वे के शिलान्यास के मौके पर मुलायम के बयान का जिक्र किया। बीजेपी नेता सुरेश खन्ना व सतीश महाना ने कहा कि एसपी मुखिया अपनी ही सरकार के मंत्रियों पर कमीशनखोरी का आरोप लगा रहे हैं। सरकार आरोप स्वीकार कर रही है, तो मंत्रियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? सरकार की ओर से जवाब में आजम ने कहा कि समाजवादियों के लिए नेताजी का क्या स्थान है, यह वह नहीं समझेंगे जो अपने नेता में विश्वास ही नहीं करते।
आजम के बयान से माहौल हुआ गर्म
उन्होंने कहा कि अगर अखबारों के बयान पर यहां चर्चा हो रही है तो इससे खराब क्या होगा कि देश के बादशाह की मलिका को जनसूचना में पूछना पड़ रहा है कि उन्हें उनके शौहर से क्या-क्या हक मिल सकते हैं। आजम ने तंज किया कि बादशाह ने मल्लिका को बीवी का हक क्यों नहीं दिया, घर में रहने नहीं दिया, अग्नि के फेरे लेने के बाद भी बादशाह ने शौहर की जिम्मेदारी नहीं निभाई। इस पर भी चर्चा होनी चाहिए।
आजम के बयान पर भड़के भाजपाई वेल में आ गए। नारेबाजी के बीच अध्यक्ष की चेयर की ओर बढ़ रहे बीजेपी विधायक सुरेश राणा, लोकेंद्र को रोकने के लिए मार्शलों को भी मशक्कत करनी पड़ी।
बीजेपी कार्यकर्ता आजम के बयान को निकालने की मांग करते रहे पर विधानसभा अध्यक्ष ने बीजेपी के उठाए मुद्दे को ही अस्वीकार कर दिया। कार्यवाही पूरी होने के बाद सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।