लखनऊ ,(एजेंसी) 19 अक्टूबर । संघ प्रमुख मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों को जीत के मोहपाश से बाहर निकलने को कहा है। भागवत ने कहा कि पार्टी, सरकार और चमत्कार से तब तक भला नहीं होगा जब तक जनता सरकार से नहीं जुडेंगी। इसलिए कार्यों में कमजोरी न हो जिससे संगठन का औचित्य बना रहे। राजधानी में चल रहा संघ का तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारी मंडल का अधिवेशन रविवार को खत्म हो गया। आखिरी दिन भागवत ने प्रतिनिधियों को संबोधित किया। उन्होंने परिवर्तन का स्वागत करने के साथ ही सरकार को वक्त देने की अपील की।
लव जिहाद विवाह परंपरा पर हमला
चर्चा के दौरान लव जिहाद का मसला उठा। इसे हिन्दू विवाह की पवित्र परंपरा पर हमला बताया गया। प्रतिनिधियों का कहना था कि इसके नाम पर मतातंरण और उत्पीड़न हो रहा है जिसमें सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए। यह भी कहा गया कि कई राज्यों में हिंदू समाज के खिलाफ साजिशें चल रही हैं। कुछ जगहों पर सरकार ही इसको संरक्षण दे रही है। समाज में इसके खिलाफ लोगों को जागरूक करना होगा। जागरूकता कार्यक्रमों में समन्वय की बात उठी। कुछ प्रतिनिधियों का कहना था कि एक साथ कई संगठन कार्यक्रम प्रस्तावित कर देते हैं जिससे उस पर प्रभावी काम नहीं हो पाता।
मुस्लिमों में छवि को लेकर फिक्र
संघ मुस्लिम विरोधी छवि को लेकर भी फिक्रमंद दिखा। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक इंद्रेश कुमार ने विचार रखा कि हमें मुस्लिमों को भी यह समझाने की जरूरत है कि संघ उनका विरोधी नहीं है। बैठक में इसको लेकर सहमति जताते हुए राय व्यक्त की गई कि संघ में सबका स्वागत है, बस तुष्टीकरण के लिए किसी नीति के हम खिलाफ है। धर्म या जाति के आधार पर किसकी विशेष महत्व दिया जाना संघ को स्वीकार्य नहीं है।