लखनऊ,एजेंसी-22 मई। लोकसभा चुनाव में मिली अब तक की सबसे करारी हार के बाद भी समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक संकट टला नहीं है। उत्तर प्रदेश में दो सीटों पर लोकसभा चुनाव जीतने वाले मुलायम को एक सीट छोडऩी पड़ेगी, ऐसे में उस सीट के लिए उपचुनाव के दौरान मोदी लहर के बीच सीट पर सपा का कब्जा बनाए रखना उनके लिए बड़ी चुनौती होगी।
मुलायम इस चुनाव में अपनी परंपरागत मैनपुरी सीट के साथ पूर्वांचल की आजमगढ़ सीट से भी चुनाव लड़े थे। मैनपुरी सीट पर तो उन्होंने भारी अंतर से जीत दर्ज की, लेकिन आजमगढ़ में उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार रमाकांत यादव से कड़ी टक्कर मिली।
ऐसे में सपा प्रमुख कशमकश में हैं कि वो मैनपुरी और आजमगढ़ में से कौन सी सीट छोड़ें, ताकि उपचुनाव में मोदी लहर को बेअसर कर सीट पर सपा का कब्जा कायम रखा जा सके।
राजनीति के जानकार मानते हैं कि 63 हजार वोटों से आजमगढ़ से जीते मुलायम अगर यह सीट छोड़ते हैं, तो सपा के किसी भी दूसरे उम्मीदवार के लिए रमाकांत यादव के खिलाफ यहां पर दोबारा जीत दर्ज करना बेहद कठिन होगा।
आजमगढ़ में यादव और मुसलमानों की आबादी आधी से ज्यादा है। वैसे तो ये दोनों जातियां मुलायम का वोट बैंक मानी जाती हैं, लेकिन इस बार के चुनाव में इन जातियों का बड़ा हिस्सा भाजपा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पाले में चला गया।
वहीं, मैनपुरी की बात करें तो यहां मुलायम परिवार के किसी सदस्य के अलावा यदि अन्य किसी उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया तो उसके लिए जीतना मुश्किल होगा।
राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार पांडे कहते हैं, ‘‘आजमगढ़ में सपा को दोबारा जीत दर्ज करना बेहद मुश्किल होगा ही, जबकि परंपरागत मैनपुरी सीट पर यदि मुलायम अपने किसी परिवार के सदस्य को उतारेंगे तो उन पर परिवारवाद को आगे बढ़ाने के आरोप लगेंगे, जिनका सामना वह पहले से कर रहे हैं।’’
सपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी का एक धड़ा आजमगढ़ सीट से किसी बड़े मुस्लिम चेहरे-आजम खान या शफीकुर्रहमान बर्क को मैदान में उतारने की पैरवी कर रहा है। वहीं, एक धड़ा ऐसा भी है जो मोदी लहर के बीच आजमगढ़ सीट पर खतरा मोल न लेने के बजाय मैनपुरी सीट से परिवार के किसी सदस्य को लड़ाने की सलाह दे रहा है।
मैनपुरी से सपा के जिलाध्यक्ष खुमान सिंह वर्मा यहां से तेज प्रताप यादव को चुनाव लड़ाने की मांग कर रहे हैं। वह मुलायम के बड़े भाई रतन सिंह के पौत्र हैं। तेज प्रताप ने इस लोकसभा चुनाव में मैनपुरी से मुलायम के चुनाव का सारा प्रबंधन संभाला था। सपा संसदीय दल के एक नेता ने आईएएनएस को बताया कि मुलायम वर्तमान राजनीतिक परिस्थियों के मुताबिक आकलन कर रहे हैं कि आजमगढ़ और मैनुपरी में से कौन सी सीट छोडऩा सपा के लिए फायदेमंद होगा।