अमर सिंह को राज्यसभा में भेजे जाने की जब मंगलवार को समाजवादी पार्टी ने घोषणा की तो वह उस समय उज्जैन में धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने गए हुए थे। अपने इस मनोनयन पर उनकी प्रतिक्रिया यही थी कि मैं हमेशा से कहता रहा हूं कि मैं मुलायमवादी हूं। मैं समाजवादी नहीं हूं। राज्यसभा के लिए मुझे सीट देना यह मुलायम सिंह का हमारे प्रति लगाव का प्रतीक है।
यदि राज्यसभा में उन्हें प्रवेश मिल जाता है तो यह उनका चौथा कार्यकाल होगा। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2010 में उन्हें समाजवादी पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने अपना नया दल बनाया था।सूत्रों के मुताबिक सपा महासचिव प्रो. रामगोपाल वर्मा और वरिष्ठ मंत्री आजम खां ने अमर सिंह के नाम पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी लेकिन इसके बावजूद उन्हें राज्यसभा में भेजने का निर्णय लिया गया।
अमर सिंह से सम्बंधित एक सवाल के जवाब में शिवपाल ने कहा है कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने कह दिया है कि वह दिल में रहते हैं। दिल से बड़ी कोई चीज नहीं होती है। वह पार्टी में कब शामिल होंगे, इसे नेताजी और अमर सिंह बैठकर तय कर लेंगे। उल्लेखनीय है कि रामगोपाल से ही विवाद के बाद अमर सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया था और ये जग जाहिर है कि अमर सिंह से आजम खान की थोड़ी भी नहीं पटती है।