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खाली पड़ें शिक्षकों के 16 हजार पद,शिक्षामित्रों से ही भरे जाएंगे


One student rises her hand and asks question
One student rises her hand and asks question

सप्लीमेंटरी प्लान के तहत शिक्षकों के खाली 16,448 पद शिक्षामित्रों के लिए ही रखने का फैसला किया गया है। इन पदों को डेढ़ साल पहले विज्ञापित शिक्षकों के 15 हजार रिक्त पदों में जोड़ने की मांग की जा रही थी, जिसे शासन ने खारिज कर दिया है। हालांकि, शिक्षामित्रों का समायोजन अब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने से पहले संभव नहीं है।

बेसिक शिक्षा परिषद ने 12 दिसंबर 2014 को सहायक अध्यापक के 15 हजार पदों के लिए विज्ञापन निकाला था। इसमें टीईटी पास बीटीसी कोर्स किए युवाओं से आवेदन मांगे गए थे।

कुछ समय बाद डिप्लोमा इन एजुकेशन (स्पेशल एजुकेशन) यानी डीएड और बैचलर इन एलीमेंटरी एजुकेशन (बीएलएड) किए युवाओं ने इन भर्तियों में खुद को शामिल करवाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

पदों को भरने की प्रक्रिया हो गई शुरू

अदालत ने इन युवाओं को भी 15000 रिक्तियों में आवेदन का मौका देने का आदेश दिया। अब इन पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

इन भर्तियों के लिए आवेदन कर चुके बीटीसी अभ्यर्थी पदों की संख्या बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद आवेदकों की संख्या काफी बढ़ गई है, इसलिए सप्लीमेंटरी प्लान के 16448 पदों को भी इन रिक्तियों में शामिल करके मेरिट बनाई जानी चाहिए।

इसकी जानकारी मिलते ही शिक्षामित्रों के संगठनों ने भी विरोध शुरू कर दिया था। उनका कहना है कि ये पद शिक्षामित्रों को समायोजित करने के लिए रखे गए हैं, इसलिए इन्हें बीटीसी प्रशिक्षुओं से भरा जाना उचित नहीं। 

बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, वर्ष 2014 में विज्ञापित 15 हजार पदों में इन 16448 पदों को न जोड़ने का फैसला ले लिया गया है।

इन पदों पर भविष्य में शिक्षामित्रों को ही समायोजित करने की योजना है, हालांकि यह तभी संभव हो सकेगा, जब सुप्रीम का फैसला शिक्षामित्रों के समायोजन के पक्ष में आए।

यहां बता दें कि 1.37 लाख शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।

अभी भी 26 हजार शिक्षामित्र समायोजित होने से बचे हैं, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने से पहले राज्य सरकार इनके मामले में विचार करने के मूड में नहीं है।

 
 

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