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‘Pink Revolution’: फिर गलत साबित हुए नरेंद्र मोदी!


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बेंगलूर,एजेंसी-4 अप्रैल। गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और कंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि नरेंद्र मोदी अक्‍सर आधी बातें बोलते हैं और कुछ हद तक वह सही भी थे। गुरुवार को बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी जब एक रैली को संबोधित कर रहे थे तो उन्‍होंने ‘पिंक रेवॉल्‍यूशन’ का जिक्र किया। मोदी ने देश से हो रहे मीट निर्यात के लिए इस शब्‍द का प्रयोग किया। नरेंद्र मोदी अक्‍सर कुछ तथ्‍यों को अपनी रैलियों में या तो भूल जाते हैं या फिर गलत तरीके से उसका प्रयोग कर लेते हैं। गुरुवार को भी उनसे यही एक गलती हुई। कुछ लोग भले ही देश से होने वाले मीट निर्यात की वजह से ‘पिंक रेवॉल्‍यूशन’ शब्‍द का प्रयोग भारत के लिए करते हैं लेकिन आधिकारिक तौर पर यह शब्‍द इससे जुड़ा ही नहीं है। यह शब्‍द कहां से आया कोई नहीं जानता लेकिन पहली बार फरवरी में अपनी एक रैली के दौरान मोदी ने इस शब्‍द का प्रयोग किया था। तब से लेकर आज तक वह यूपीए पर हमला करने के लिए इस शब्‍द का प्रयोग करते रहते हैं। असल में इस ‘पिंक रेवॉल्‍यूशन’ के मायने ही कुछ और हैं। पढ़ें क्‍या है ‘पिंक रेवॉल्‍यूशन’ और जाने कि क्‍यों नरेंद्र मोदी की ओर से ‘पिंक रेवॉल्‍यूशन’ शब्‍द कुछ लोगों की भावनाओं का आहत भी कर सकता है। 7 से 12 अप्रैल तक ‘पिंक रेवॉल्‍यूशन’ अब इसे संयोग कहा जाए या कुछ और लेकिन जिस दिन से देश में लोकसभा चुनावों के लिए वोट डालने की प्रक्रिया की शुरुआत होगी उसी दिन से दुनिया में ‘पिंक रेवॉल्‍यूशन वीक ‘ का भी आगाज होगा। दरअसल बुलिंग के खिलाफ आवाज उठाने के मकसद से इस कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस वीक के दौरान रंगभेद, लिंगभेद और ऐसी कई समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी। दुनिया के 20 देशों में इस वीक के दौरान कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस वीक के दौरान कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों के अलावा गे कम्‍यूनिटी के लोग भी हिस्‍सा लेंगे। ब्रेस्‍ट कैंसर से बचाव के लिए ‘पिंक रेवॉल्‍यूशन’ ब्रेस्‍ ट कैंसर एक ऐसी खतरनाक बीमारी जो दुनिया की कई महिलाओं की असयम मौत की वजह बन जाती है। करीब सात वर्ष पहले इस बीमारी के प्रति जागरुकता पैदा करने और इसकी पीडि़ताओं की सहायता के मकसद से हांगकांग से ‘पिंक रेवॉल्‍यूशन’ की शुरुआत हुई थी। आज वर्ष के 12 महीनों के दौरान दुनिया के अलग-अलग देशों में इससे जुड़े करीब 1,000 कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। भारत से लेकर बांग्‍लादेश, सिंगापुर से लेकर चीन, श्रीलंका से लेकर पाकिस्‍तान और अमेरिका से लेकर लंदन तक में यह कार्यक्रम आयोजित होता है। अब आप ऊपर दी गई वजहों से अंदाजा लगा सकते हैं नरेंद्र मोदी से कहां गलती हुई और किस तरह से उनके शब्‍द कुछ लोगों की भावनाओं को आहत कर सकते हैं। हालांकि जब भारत साल 2013 में मीट निर्यात में नंबर वन बना तो कुछ लोगों ने उस समय दबी जुबान ने से कहा था कि देश में हरित क्रांति और श्‍वेत क्रांति के बाद अब गुलाबी क्रांति आने वाली है।


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