नई दिल्ली,(एजेंसी)24 अगस्त। बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू, राजद तथा कांग्रेस के महागठजो़ड़ से क़़डी टक्कर की संभावना के मद्देनजर राजग की नजर अब मुस्लिम-यादव वोट बैंक बंटने कर टिकी है।
राजग के घटक दल लोजपा के प्रमुख राम विलास पासवान इस बात को लेकर भी आश्वस्त हैं कि बिहार में अब बदलाव का समय आ गया है। वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नीतीश कुमार के साथ आने को भी ज्यादा महत्व नहीं दे रहे हैं।
पासवान ने कहा कि ‘बिहार के मुख्यमंत्री राजद प्रमुख लालू प्रसाद से गठबंधन का दाग धोने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन जहां तक आम आदमी पार्टी के नेताओं की युवकों में अपील की बात है तो यह दिल्ली से बाहर नहीं है।’ उन्होंने मुस्लिम-यादव वोट बैंक में राजग की कम हिस्सेदारी की अवधारणा को भी खारिज किया। साथ उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि एआईएमआईएम प्रमुख असादुद्दीन ओवैसी राजग की शह पर बिहार के चुनावी मैदान में उतरे हैं।
हालांकि उन्होंने यह जरूर माना कि हैदराबाद के सांसद ओवैसी से मुस्लिम वोटों पर फर्क प़़डेगा जिससे मुस्लिम-यादव वोटों का एकजुट रह पाना कठिन हो जाएगा। उन्होंने कहा– ‘लालू और नीतीश ने अब तक मुस्लिमों को सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया है।’ मालूम हो कि ओवैसी ने बिहार में 25 सीटों पर विधानसभा चुनाव ल़़डने की घोषषणा की है। पासवान ने कहा कि ‘इस बार एम-वाई (मुस्लिम-यादव) का गठजो़ड़ टूट रहा है। यादव सिर्फ लालू प्रसाद को ही वोट नहीं देंगे।
भाजपा के पास भी राम कृपाल यादव और नंद किशोर यादव सरीखे कई यादव नेता हैं। इसलिए भाजपा को भी यादवों का अच्छा-खासा वोट मिलेगा।’ उन्होंने कहा कि ‘जहां तक मुस्लिमों की बात है, तो 15 वर्षो के शासन में लालू और 10 वर्षो के कार्यकाल में नीतीश कुमार ने मुस्लिमों के लिए कुछ भी नहीं किया। इसी कारण सीमांचल में ओवैसी की सभा में भी़ड़ जुटी। उनकी सभा में मुस्लिमों की भी़ड़ इस बात का संकेत है कि मुस्लिमों का लालू-नीतीश से मोहभंग हो गया है। यह हमें मदद करेगा।’ विपक्ष के इस आरोप पर कि भाजपा मुस्लिम वोटों के बंटवारे के लिए ओवैसी का समर्थन कर रही है, पासवान ने कहा कि ‘यह बकवास है। भाजपा तथा उसके नेतृत्व वाला राजग हमेशा ही ओवैसी के निशाने पर रहा है।’
राकांपा की ‘तीसरे विकल्प’ की योजना
बिहार में महागठबंधन में ‘वाजिब हिस्सेदारी’ नहीं मिलने से परेशान राकांपा नेता तारीक अनवर ने अब वाम दलों के साथ मिलकर तीसरे विकल्प की योजना बनाई है। इस बारे में वाम दलों के नेताओं से शुरआती बातचीत करने वाले अनवर ने कहा कि यदि इन दलों के साथ गठबंधन होता है तो यह सांप्रदायिक ताकतों तथा अवसरवादियों के खिलाफ एक विश्वसनीय गठजो़ड़ होगा। इस सिलसिले में वह भाजपा को ‘दुश्मन नंबर वन पार्टी’ मानने वाले अन्य छोटे क्षेत्रीय दलों को भी साथ लाने की योजना बना रहे हैं। राकांपा महागठबंधन में 27 सीटों पर दावेदारी की थी।