लखनऊ,(एजेंसी)12 अगस्त। अमेठी के न्यायिक मजिस्ट्रेट दुर्गेश पांडेय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अधिवक्ता तथा सरकार की तरफ से अभियोजन अधिकारी की दलीलें सुनकर बुधवार को निर्णय देने तारीख नियत की है।
लोकसभा चुनाव के दौरान एक रैली में कथित भड़काऊ भाषण के मामले में लंबित वाद में अरविंद केजरीवाल को वारंट जारी किया गया था। इस पर उन्होंने उच्च न्यायालय की शरण ली थी और न्यायालय ने उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति के संबंध में कोर्ट से पुनर्विचार करने को कहा था। पांच अगस्त को केजरीवाल के अधिवक्ता महमूद आलम ने हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश की प्रति दाखिल करते हुए अदालत से अरविंद केजरीवाल की व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट संबंधी प्रार्थना पत्र को स्वीकार करने की अपील की थी।
उस दिन न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अभियोजन अधिकारी के न रहने के कारण बहस की तारीख 11 अगस्त नियत की थी। मंगलवार को अरविंद केजरीवाल के अधिवक्ता की दलील सुनने के उपरान्त न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अभियोजन अधिकारी की दलील सुनी।
अभियोजन अधिकारी राम कुबेर का कहना था कि मुकदमे में समन का तामीला अरविंद केजरीवाल पर किया जा चुका है। उनके द्वारा अदालत में उपस्थित होकर जमानत कराने के उपरान्त ही उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति के छूट के संबंध में न्यायालय विचार कर सकता है। अभी तक वह स्वयं अदालत में हाजिर नहीं हुए हैं। सहायक अभियोजन अधिकारी शकील अहमद का कहना था कि कानून की व्यवस्था में कोई छोटा बड़ा नहीं है।
जबतक केजरीवाल हाजिर होकर जमानत नहीं करा लेते तब तक उनकी व्यक्तिगत उपस्थित से छूट सहित अन्य ंिबदुओं पर कोई विचार नहीं किया जा सकता। दोनों पक्षों के तर्क को सुनकर न्यायिक मजिस्ट्रेट ने संबंधित प्रार्थना पत्र पर आदेश की तारीख 12 अगस्त नियत कर दी है।