नई दिल्ली,(एजेंसी)10 अगस्त। झारखंड के देवघर के बाबा धाम में भगदड़ मचने से 11 लोगों की मौत हो गई है। 50 से ज्यादा जख्मी हैं। सावन के दूसरे सोमवार पर पूजा की होड़ में ये भगदड़ मची।
घायलों को सदर अस्पताल देवघर में भर्ती कराया गया है। हादसा तड़के करीब 4 बजे हुआ जब जलाभिषेक के लिए मंदिर में लोगों की भारी भीड़ जमा थी और बड़ी संख्या में कांवड़िए कतार में खड़े थे।
सावन का दूसरा सोमवार होने की वजह से बाबाधाम में भीड़ ज्यादा थी। देवघर की दूरी राजधानी रांची से 300 किलोमीटर दूर है।
स्थानीय बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भगदड़ की घटना के लिए अपनी ही सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। दुबे ने कहा है कि देवघर में दर्शन के लिए प्रशासन ने जो इंतजाम कर रखे हैं वो नाकाफी है। उसी वजह से ये हादसा हुआ है।
देवघर के एसपी पी मुरुगन ने कहा, “एक लाख से भी ज्यादा लोग मंदिर में दर्शन के लिए कतार में खड़े थे कि किसी गलतफहमी के कारण अचानक वहां भगदड़ मच गई। भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए।”
पी मुरुगन ने कहा है कि प्रशासन का अनुमान था कि 90 हजार लोग आएंगे लेकिन करीब डेढ़ लाख लोग आए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लोगों के बीच भगदड़ तब मची, जब पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठी चार्ज किया।
क्या है बाबाधाम यात्रा?
बाबा धाम यात्रा में आम श्रद्धालु कांवड़ियों को तीन से चार दिन लगते हैं. बिहार के सुल्तनागंज में गंगा जल कांवड़ में भरने के बाद कांवड़िये पैदल ही करीब एक सौ पांच किलोमीटर की दूरी तय करते हैं. इसके बाद झारखंड के देवघर मंदिर में दर्शन के लिए उन्हें कई कई किलोमीटर लंबी लाइन में लगना होता है जिसके बाद भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए भक्त मंदिर में पहुंचते हैं और जल चढाते हैं।
इसी दौरान लाइन लगाने को लेकर आपाधापी मचती है। कई बार पुलिस प्रशासन के लोग सख्ती बरतते हैं, जिससे भगदड़ की नौबत आती है।
क्या है बाबाधाम मंदिर?
देवघर में 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक बाबाधाम ज्योतिर्लिंग मंदिर है, जहां आज कांवड़ियों की भीड़ अनुमान से ज्यादा हो गई। देवघर के एसपी पी मुरुगन ने कहा है कि प्रशासन का अनुमान था कि 90 हजार लोग आएंगे लेकिन करीब डेढ़ लाख लोग आए।