नई दिल्ली,(एजेंसी)08 अगस्त। सूबे में चल रही सियासत की चक्की में गेहूं के साथ घुन भी पीसे जा रहे हैं। केन्द्र और दिल्ली की हुकूमत के बीच वाया राजनिवास, जारी तकरार में समूची नौकरशाही बेजार है।
मुख्य सचिव से लेकर कम से कम आधा दर्जन आला अधिकारियों को मेमो जारी किया जा चुका है। लेकिन सबसे बुरी हालत उन आधा दर्जन अधिकारियों की है जो बिहार से आकर दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) में तैनात किए गए हैं।
उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच जारी टकराव के परिणामस्वरूप ये अधिकारी इन दिनों खाली बैठे हैं। इन्हें पहले जो काम दिया गया था, वह भी छीन लिया गया है।
बात यहीं तक होती तो भी गनीमत थी, राजनिवास से लेकर एसीबी के मुखिया मुकेश कुमार मीणा तक इनकी नियुक्ति को अवैध करार दे रहे हैं।
आपको बता दें कि एसीबी को मजबूत करने के नाम पर सूबे के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र भेजकर उनसे कुछ अधिकारियों की मांग की थी।
उनकी मांग पर त्वरित कार्रवाई करते हुए कुमार ने एक डीएसपी सहित आधा दर्जन अधिकारियों को दिल्ली भेज दिया। एसीबी में इन्हें तैनात भी कर दिया गया लेकिन उपराज्यपाल जंग ने इनकी नियुक्ति को गलत करार दे दिया।
शुरुआती दिनों में इन अधिकारियों को रहने के लिए मकान तक नहीं मिल पा रहा था और इनके वेतन को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे थे।
बहरहाल, वेतन तो इन्हें मिल गया लेकिन च्च्चपदस्थ सूत्रों की मानें तो इन्हें काम कुछ भी नहीं दिया जा रहा है। इसकी वजह है कि राजनिवास से लेकर एसीबी के मुखिया तक की नजर में इनकी नियुक्ति गलत है।
उपराज्यपाल के आदेश पर एसीबी की कमान संभालने वाले मीणा ने अपनी नियुक्ति के तुरंत बाद बिहार के इन अधिकारियों को वापस भेजने की बात भी कही थी।
एसीबी में तैनात इन अधिकारियों को लेकर पूछने पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह कैसे संभव है कि बिहार से आकर डीएसपी स्तर का एक अधिकारी दिल्ली पुलिस के पुलिस स्टेशन में तैनात किया जाए और इ इनकी जानकारी गृह मंत्रालय से लेकर राजनिवास और दिल्ली पुलिस मुख्यालय तक नहीं हो, यह भला कैसे हो सकता है।
उन्होंने कहा कि महज एसीबी के राजनामचे में हाजिरी लगा देने से किसी अधिकारी की ज्वाइनिंग भला किस प्रकार हो सकती है। दिलचस्प यह है कि उपराज्यपाल के आदेश से न केवल एसीबी चीफ मीणा ने ज्वाइन किया था, बल्कि दिल्ली पुलिस के सात इंस्पेक्टर भी एसीबी में तैनात किए गए।
दिल्ली सरकार ने इनके तबादले के आदेश जारी कर दिए। समझा जा रहा है कि दिल्ली सरकार की पहल पर तैनात किए गए बिहार के अधिकारियों को हाशिए पर किए जाने के बाद ही सरकार ने जवाबी कार्रवाई की।
एसीबी प्रमुख मीणा ने इस आदेश को मानने से इन्कार कर दिया है। बहरहाल, सियासी कारणों से अधिकारियों का हाल बेहाल है, भले ही चाहे वे दिल्ली के हों या बिहार के।