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सेना, आईएसआई और आतंकवादी संगठन चाहते क्या हैं?


नई दिल्ली,(एजेंसी)06 अगस्त। आपको याद होगा कि पिछले महीने रूस के उफा में प्रधानमंत्री मोदी और नवाज शरीफ के बीच मुलाकात हुई थी। दोनों प्रधानमंत्रियों की मुलाकात में तय हुआ था कि भारत और पाकिस्तान अपने रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए बातचीत को आगे बढ़ाएंगे। लेकिन उफा की उस मुलाकात के बाद अचानक पाकिस्तान की तरफ से सीमा पर फायरिंग बढ़ गई, गुरदासपुर में आतंकी हमला हो गया और अब आतंकी कासिम का हमला। कहीं इन सबका उफा की मुलाकात से कोई रिश्ता तो नहीं हैं?

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उधमपुर में पकड़ा गया जिंदा आतंकी कासिम कबूल चुका है कि वह पाकिस्तान से भारत में आतंकवादी हमले के लिए आया था और उसके इस कूबलनामे के साथ सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या पाकिस्तानी सेना, खुफिया एजेंसी आईएसआई और वहां के आतंकवादी संगठन भारत और पाकिस्तान के सुधरते रिश्ते को बिगाड़ने के लिए भारत पर आतंकवादी हमले करा रहे हैं?

MODI-SHARIF

इस सवाल की पड़ताल से पहले आपको बता दें कि 10 जुलाई को रूस के उफा में पीएम मोदी और नवाज शरीफ के बीच मुलाकात हुई थी और उसी मुलाकात में तय हुआ था कि दोनों देश अपने रिश्ते बेहतर बनाने के लिए आतंकवाद सहित तमाम मुद्दों पर बातचीत करेंगे।

लेकिन कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तानी सेना, खुफिया एजेंसी आईएसआई और वहां के आतंकवादी संगठन नहीं चाहते हैं कि दोनों देशों के रिश्ते सामान्य हो।

10 जुलाई को उफा में मोदी और शऱीफ की मुलाकात के बाद पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ बहुत बढ़ गया है। 27 जुलाई को आतंकवादी पंजाब के गुरदासपुर तक चले आये थे और अब आतंकी कासिम का अपने साथियों के साथ उघमपुर में हमला।

पाकिस्तान की तरफ से हो रहे हमलों के बावजूद भारत सरकार ने साफ कर दिया है भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तय कार्यक्रम के हिसाब से 23-24 अगस्त को दिल्ली में मुलाकात करेंगे लेकिन ये सवाल अपनी जगह पर कायम है कि नवाज शरीफ पर हावी पाकिस्तानी त्रिकोण- सेना, आईएसआई और आतंकवादी संगठन चाहते क्या हैं?


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