नई दिल्ली,(एजेंसी)04 अगस्त। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन द्वारा कांग्रेस के 25 सांसदों को पांच दिन के लिए सदन से निलंबित करने के खिलाफ कांग्रेस आज सदन के बाहर धरना प्रदर्शन कर रही है। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद शामिल हैं। प्रदर्शन के दौरान सोनिया ने कहा कि सरकार लोकतंत्र की हत्या करने का काम कर रही है। सदन को चलाना सरकार का काम है। उन्होंने सांसदों के निलंबन को गलत बताया है। सोनिया ने कहा कि रेडियो पर मन की बात कहने वाले पीएम नरेंद्र मोदी को विपक्ष की बातें सुननी ही पड़ेंगी।
इस मौके पर पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पूरे देश में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की घोषणा की है। विदेश मंत्री के इस्तीफे पर उन्होंने कहा कि वह सीधे तौर पर ललितगेट कांड से जुड़ी हैं, लिहाजा उन्हें इस्तीफा देना ही पड़ेगा। पार्टी सरकार पर दवाब बनाए रखेगी फिर चाहे सरकार सभी कांग्रेस के सांसदों को सदन से बाहर फेंक दे। उन्होने कहा कि दागी मंत्रियों से इस्तीफा हम नहीं बल्कि देश मांग रहा है।
मनमोहन ने भी सांसदों के निलंबन को काला धब्बा बताया है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के दवाब में लोकसभा अध्यक्ष ने यह फैसला लिया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा है केंद्र सरकार को अपने बहुमत पर घमंड हो गया है। बसपा सुप्रिमो ने लोकसभा अध्यक्ष से अपील की है कि वह एक बार इस पर दोबारा विचार करें। कांग्रेस के प्रदर्शन की भाजपा ने खिल्ली उड़ाई है। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस के प्रदर्शन पर कहा है कि उन्हें कांग्रेस पर हंसी आती है तो पहले अपने मां-बाप का कत्ल कर देते हैं फिर कहते हैं कि वह अनाथ हो गए हैं। यही हालत कांग्रेस की है जो अब अनाथ होने का रोना रो रही है।
राहुल का ट्वीट-‘हम सभी निलंबित सांसदों के साथ खड़े हैं’
प्रदर्शन में शामिल सभी नेताओं ने हाथों पर काली पट्टी बांधी हुई थी। कांग्रेस ने इस कार्रवाई को लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया है। इस मुद्दे आरजेडी, एनसीपी और सपा भी कांग्रेस का साथ दे रही है। कांग्रेस के नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा है कि यह देश और सांसदों की संसद है न कि भाजपा की। उन्होने केंद्र पर आरोप लगाया कि यह सब नागपुर के इशारे पर किया जा रहा है। उनका कहना था कि सरकार को उनकी मांगें माननी ही पड़ेंगी। आज हाे रही भाजपा की संसद दल की बैठक पर उन्होंने कहा कि इस बैठक में केवल कांग्रेस के खिलाफ प्रस्ताव पास किया जाएगा। सांसदों के निलंबन को जदयू नेता केसी त्यागी ने लोकतंत्र का काला दिन बताते हुए कहा कि उनकी पार्टी भी आज संसद का बहिष्कार करेगी।
नीतीश ने निलंबन को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
टीएमसी और जदयू ने इस कार्रवाई को अनुचित बताया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर कहा है कि सांसदों का निलंबन दुर्भाग्यपूर्ण प्रकरण है। संख्या से अधिक लोकतांत्रिक मूल्यों में यकीन करने वाले इरादे को महत्व मिलना चाहिए। यह जरूरी है कि संसद चले। इस बीच आज सदन में चल रहे गतिरोध को देखते हुए भाजपा संसदीय दल की बैठक बुलाई गई है। वहीं जदयू महासचिव केसी त्यागी ने सांसदों निलंबन को लोकतंत्र के लिए काला दिन करार दिया।
लोकसभा में कांग्रेस के 25 सांसद निलंबित
तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, ‘कांग्रेस सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है और उसकी कुछ मांग है लेकिन यदि सरकार उनकी बात नहीं सुनती है तो सदन चलना मुश्किल होगा। भाजपा ने भी वर्ष 2010 में पूरा एक सत्र नहीं चलने दिया था। निलंबन की कार्रवाई से स्थिति और खराब हो जाएगी।’ इस पर स्पीकर ने कहा, ‘मैं आज किसी की सुनने वाली नहीं हूं। मुझे सदन के बाकी सदस्यों का भी तो ध्यान रखना है जो अपनी बात कहना चाहते हैं।’