पनामा पेपर घोटाला मामले में देश की शीर्ष अदालत ने 28 जुलाई को प्रधानमंत्री शरीफ को अयोग्य ठहराया था जिसके बाद उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था। साथ ही उन्हें पार्टी के शीर्ष पद से हटना पड़ा था। संसद के ऊपरी सदन सीनेट ने 22 सितंबर को चुनाव सुधार विधेयक 2017 को मंजूरी दी थी, जिसमें यह प्रावधान है कि सरकारी अधिकारी को छोड़ कर कोई भी व्यक्ति पार्टी के भीतर कोई भी पद संभाल सकता है।
नए विधेयक में उस शर्त को हटा दिया गया है जिसमें कहा गया था कि केवल संसद के लिए चुने गए व्यक्ति ही राजनीतिक पार्टियों का शीर्ष पद संभाल सकते हैं। जलवायु परिवर्तन मंत्री एम खान के अनुसार नए विधेयक को सोमवार को निचले सदन अथवा नेशनल असेंबली में पेश किया जाएगा, जहां से इसके आसानी से पारित होने की संभावना है क्योंकि पीएमएल-एन यहां बहुमत में है।
दोनों सदनों से पारित होने के बाद विधेयक को राष्ट्रपति ममनून हुसैन के पास भेजा जाएगा और उनके हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा। इन प्रक्रिया के बाद शरीफ दोबारा पार्टी की कमान संभाल सकते हैं। माना जा रहा है कि विपक्षी पार्टियां इसे शीर्ष अदालत में चुनौती दे सकती हैं।
एनएबी ने यह कदम हसन नवाज, हुसैन नवाज, मरियम नवाज और उनके पति मोहम्मद सफदर के पनामा पेपर्स घोटाले की पिछली सुनवाई के दौरान पेश नहीं होने के बाद उठाया है। गौरतलब है कि शरीफ की पत्नी कुलसुम नवाज का इन दिनों लंदन में गले के कैंसर का इलाज चल रहा है। इस वजह से हसन, हुसैन, मरियम व सफदर लंदन में हैं।