मुंबई,(एजेंसी)23 जुलाई। 1993 मुंबई धमाकों में दोषी करार याकूब मेमन की फांसी फिलहाल टल सकती है। याकूब ने राष्ट्रपति को अपनी निजी दया याचिका भेजी है, जबकि मेमन के परिवार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के पास फांसी पर रोक के लिए दया याचिका दी है।
सुप्रीम कोर्ट उसकी दया याचिका और क्यूरेटिव याचिका दोनों पहले ही खारिज कर चुका है। उसे 30 जुलाई को फांसी दी जानी थी। इसी दिन वह 53 साल का हो रहा है, लेकिन राष्ट्रपति के पास निजी दया याचिका भेजकर उसने अपनी फांसी को थोड़ा और टालने की तैयारी कर ली है।
याकूब मेमन (फाइल फोटो)
राष्ट्रपति पहले खारिज कर चुके हैं याचिका
इससे पहले 2014 में याकूब के भाई सुलेमान मेमन ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को दया याचिका भेजी थी, जिसे उन्होंने खारिज कर दिया था।
वहीं एक नामी मानव अधिकार संस्था ने याकूब को फांसी दिए जाने का विरोध भी शुरू कर दिया है। एमनेस्टी इंडिया ने मेनन को फांसी के खिलाफ ट्वीट करना शुरू कर दिया है। मुंबई में ही कई लोग एमनेस्टी के इस विरोध का समर्थन कर रहे हैं और चाहते हैं कि याकूब को उसके भाई के किए की सजा न मिले। इस बीच राज्य सरकार ने वॉरंट निकाल लिया है।
मुंबई में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
मुंबई पुलिस याकूब मेमन को फांसी दिए जाने के बाद कानून-व्यवस्था की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए विशेष सुरक्षा प्रबंध कर रही है। उसे 30 जुलाई को नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी की तैयारी की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि फांसी दिए जाने के बाद उसका शव उसके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया जाएगा. 53 वर्षीय मेमन का शव मध्य मुंबई के माहिम स्थित उसके आवास पर लाया जाएगा। एक पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि उसे शहर में दफनाया जा सकता है। उन्होंने कहा, हवाई अड्डे से उसके घर और कब्रगाह मैदान तक पुलिस कड़े सुरक्षा इंतजाम रखेगी।
एहतियाती उपाय के तौर पर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले कुछ लोगों को पुलिस हिरासत में लेगी और महानगर के संवेदनशील इलाकों पर कड़ी निगरानी रखेगी। अधिकारी ने कहा कि सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टी जुलाई के अंत तक रद्द कर दी गई है।