नई दिल्ली,(एजेंसी)04 जुलाई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में जोरदार कमी आई है। विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिका में तेल के कुओं की संख्या काफी बढ़ गई है, जिससे वहां कच्चे तेल के उत्पादन में काफी तेजी आई है। यही वजह है कि विदेशी बाजार में कच्चे तेल की कीमत करीब 10 हफ्ते के निचले स्तर पर आ गया है। बीते एक महीने में कच्चे तेल की कीमतें 7 फीसद से ज्यादा गिर चुकी हैं। नाएमैक्स कच्चे तेल की कीमतों में 2.48 फीसद की गिरावट के साथ 55.52 डॉलर प्रति बैरल तक लुढ़क गया है। वही ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत 2.77 फीसद फिसलकर 60.35 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया है।
शुक्रवार को घरेलू बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 3.32 फीसद की बड़ी गिरावट देखने को मिली। एमसीएक्स पर कच्चे तेल की कीमत 3520 रुपए प्रति बैरल तक लुढ़क गया है। वहीं, 9 हफ्ते में पहली बार अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार बढ़ा है। ईआईए के मुताबिक पिछले हफ्ते अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार करीब 24 लाख बैरल बढ़ा है। वहीं, अमेरिका का कच्चे तेल उत्पादन 44 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। अप्रैल के दौरान अमेरिका में कच्चे तेल उत्पादन 9,000बैरल प्रतिदिन बढ़कर 97.01 लाख बैरल रहा है।
जून में ओपेक का कच्चे तेल उत्पादन पिछले 3 साल की ऊंचाई पर पहुंच सकता है। ओपेक का कच्चे तेल उत्पादन जून के दौरान 300 लाख बैरल से बढ़कर 321 लाख बैरल प्रतिदिन रहने की संभावना है। कुल मिलाकर ओपेक का सप्लाई जून में बढ़कर 316 लाख बैरल प्रतिदिन हो गया है। मई में यह आंकड़ा 313 लाख बैरल था। ग्रुप ने नवंबर 2014 में निर्धारित उत्पादन लक्ष्य से 13 लाख बैरल ज्यादा उत्पादन कर रहा है। वहीं, अमेरिकी ऊर्जा विभाग के मुताबिक 2015 के दौरान गैर-ओपेक देशों का कच्चे तेल उत्पादन 13 लाख बैरल प्रतिदिन बढ़ सकता है।