अलीगढ़,(एजेंसी)24 जून। अलीगढ़ की माटी के दो लाल दुनियाभर को हॉकी में कमाल दिखा रहे हैं। बेल्जियम में चल रही विश्व कप हॉकी लीग में युवराज व उनसे छोटे भाई देविंदर वाल्मीकि के बूते टीम इंडिया सेमीफाइनल तक पहुंच चुकी है। दोनों भाइयों ने दो मैच में तीन गोल दागकर फ्रांस व पोलैंड जैसी टीमों को मात देने में अहम भूमिका निभा चुके हैं। भारतीय टीम के कप्तान सरदार सिंह भी दोनों भाइयों के कायल हैं। उनकी जमकर तारीफ की है। गांव में जश्न का माहौल है। शहर से सटे धनीपुर ब्लॉक के गांव अलहदादपुर के युवराज वाल्मीकि मई 2013 में एशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान को हराने के बाद सुर्खियों में आए थे। जून में युवराज घर लौटे तो जोरदार स्वागत हुआ। वे तीन साल से भारतीय हॉकी टीम में हैं।
युवराज के पिता सुनील वाल्मीकि निजी ड्राइवर हैं। छोटे भाई देविंदर भी हॉकी के उम्दा खिलाड़ी हैं। वे भारतीय ए टीम में चुने गए और पहली ही बार बेल्जियम में खेलने का मौका पा गए। 21 जून को पहले मैच में भारत ने फ्रांस को दो के मुकाबले तीन गोल से हराया। जिताऊ गोल देविंदर का था। 23 जून को दूसरे मैच में पोलैंड को भारत ने 3-0 से धो दिया। पहला गोल युवराज तो दूसरा देविंदर ने दागा। तीसरा गोल कप्तान सरदार सिंह ने किया। पिता कहते हैं कि बेटे जिले का ही नहीं, देश का नाम रोशन कर रहे हैं। ऐसा सोचा न था।Ó पूरे गांव की निगाहें 26 जून को पाकिस्तान से होने वाले मुकाबले पर हैं।
पानी पीकर काटे थे दिन : घर की हालत खस्ता होने के कारण युवराज और देविंदर 12 साल पहले मामा के पास मुंबई चले गए थे। नौकरी की और वहीं रहने का जुगाड़ कर लिया। उन्हें कई रातें पाइप लाइन में काटनी पड़ीं। कई बार पानी पीकर ही सो गए।
डीएम ने किया था सम्मानित : जून 2013 में गांव आए युवराज को डीएम राजीव रौतेला ने न सिर्फ सम्मानित था, बल्कि मांग पर अलहदादपुर में हॉकी एकेडमी खोलने के लिए 25 बीघा जमीन भी दी थी। राजीव गांधी खेल अभियान के तहत 1.60 करोड़ से स्पोट्र्स कांपलेक्स का प्लान बना तो 10 बीघा जमीन डीएम अभिषेक प्रकाश ने भी दिला दी।